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मटेरियल में महंगाई से इस प्रोजेक्ट पर संकट

locationछिंदवाड़ाPublished: May 17, 2019 11:50:17 am

Submitted by:

manohar soni

जिला पंचायत पहुंचा ग्रामीण आवास का लक्ष्य,लागत में वृद्धि न होने से गांवों में निराशा

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छिंदवाड़ा.सीमेंट,रेत और लोहा के आसमान छूते दाम से आम आदमी की जेब पर झटका लग रहा हो लेकिन सरकार अपनी योजनाओं में लागत वृद्धि के पक्ष में दिखाई नहीं दे रही है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास के वित्त वर्ष 2019-20 के लक्ष्य में यहीं नजर आया है। जिला पंचायत को 20 हजार आवास बनाने के लिए कहा गया है लेकिन इसकी लागत का अनुदान 1.30 लाख रुपए यथावत् रखा गया है।
पिछले अप्रैल माह में भवन निर्माण सामग्री महंगी हो गई है। खासतौर पर सीमेंट का दाम प्रति बोरी 40 से 65 रुपए तक बढ़ गए है। अब 260 से बढकऱ 325 रुपए तक मिल रही है। सरिया में भी लंबे समय बाद दो रुपए तक का इजाफ ा हुआ है। रेत के ट्रैक्टर और डम्पर भी ऊंचे दामों पर मिल रहे हैं। इससे निर्माण सामग्री करीब 10 परसेंट बढ़ गई है। लागत का सीधा असर जिले में चल रहे निजी और सरकारी प्रोजेक्ट पर पड़ा है। जिले में ग्रामीण इलाकों में चल रहे प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास के निर्माण में भी अनुदान कम पडऩे लगा है। हितग्राही यह शिकायत सरपंच-सचिव से कर रहे हैं लेकिन इस पर केन्द्रीय नीति यथावत् रहने से कोई कुछ नहीं कर पा रहा है। इस समय प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास पर 1.30 लाख रुपए अनुदान एवं 16 हजार रुपए की मनरेगा मजदूरी का प्रावधान है। जिला पंचायत में पीएम आवास के परियोजना अधिकारी एमआर बघेल का कहना है कि पीएम आवास में नए लक्ष्य प्राप्त हुआ है। लागत वृद्धि के संबंध में कोई दिशा-निर्देश नहीं आए हैं।
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नए लक्ष्य में भी नहीं हुआ लागत में फेरबदल
अप्रैल से लागू वित्तीय वर्ष 2019-20 में जिला पंचायत को 20 हजार आवास का लक्ष्य प्राप्त हुआ है लेकिन आवास की लागत अनुदान को बढ़ाया नहीं गया है। जबकि मटेरियल में महंगाई आसमान छू रही है। इस बार भी हितग्राहियों को पुराने अनुदान से काम चलाना पड़ेगा। पीएम ग्रामीण आवास योजना की वेबसाइट की जानकारी के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में छिंदवाड़ा जिले में 9195 आवास का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। जिसमें से 85 सौ आवासों को पूरा कराया गया है। शेष आवासों के निर्माण में हितग्राहियों को लागत की समस्या आ रही है। सरकारी नियमों के अनुसार इन आवासों को न्यूनतम 270 वर्गफीट के क्षेत्रफल और पक्की छत में बनाना जरूरी है।

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