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इस बड़ी वजह से बीमा नहीं करा रहे अन्नदाता

locationछिंदवाड़ाPublished: Sep 21, 2018 11:16:20 am

Submitted by:

prabha shankar

अऋणि किसान नहीं ले रहे रुचि

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Crop insurance

छिंदवाड़ा. फसल बीमा कराने में जिले के किसान रुचि नहीं दिखा रहे हैं। एेसे किसान जो बैंक से लोन नहीं लेते हैं उन्हें अलग से बीमा कराना पड़ता है। इस साल किसानों ने फसलों का बीमा नहीं कराया है। बीमा कम्पनी से मिलने वाले क्लेम में देरी और कोई विशेष लाभ न मिलने के कारण किसान बीमा कराने में ज्यादा विश्वास नहीं कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल खरीफ में चार हजार से ज्यादा किसानों ने फसलों का बीमा कराया था, लेकिन इस बार अभी तक मिले आंकड़ों के अनुसार 1637 किसानों ने ही बीमा कराया है। दरअसल फसल बीमा का पेंच अभी तक किसानों को समझ में नहीं आया है। फसलों का बीमा, जिला, तहसील और हल्का स्तर पर होता है। इसके अलावा बीमा क्लेम के नियम इतने जटिल हैं कि किसानों को समझ में ही नहीं आते। दूसरा उसमें इतने पेंच हैं कि बहुत कम किसान ही क्लेम के दायरे में आ पाते हैं। पिछले साल किसानों ने 28 करोड़ रुपए का प्रीमियम जमा कराया था, जबकि मिला सिर्फ पांच करोड़। अऋणि किसानों में से कुछ सौ को ही क्लेम मिल पाया था।
जिला सरकारी बैंक से मिली जानकारी के अनुसार खरीफ के सीजन में पूरे जिले से 61 हजार 649 किसानों ने बीमा कराया था। इसमें से 10 हजार 57 किसानों को क्लेम मिला। रबी 2017 में 20 हजार 739 किसानों ने बीमा कराया था। उसमें से 20611 बैंक के ऋणि और 1028 अऋणि किसान थे। इनमें से प्राकृतिक आपदाओं से जिन किसानों की फसलें खराब हुईं उनका क्लेम अब तक नहीं मिला है। इस बार अब तक की जानकारी के अुनसार बैंक के 57 हजार ऋणी किसानों के अलावा 1637 अऋणी किसानों ने बीमा कराया है।

40 दिन बाद भी नहीं हो पाई फीडिंग
गौरतलब है फसलों का बीमा कराने के लिए आखिरी तारीख 16 अगस्त थी। उस हिसाब से देखें तो बीमा कराने का काम खत्म हुए 40 दिन हो गए हैं। बावजूद इसके किसानों के नाम और अन्य जानकारियों को पोर्टल में भरा नहीं जा सका है। बीमा कम्पनी के अधिकारियों का कहना है कि तकनीकी कारणों से पोर्टल देर से खुला और अब बैंकों से जानकारी मंगाई जा रही है। कृषि बीमा कम्पनी के विशाल नायक ने बताया कि पूरी जानकारी के बाद ही निश्चित आंकड़ा मिल सकेगा।

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