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Current trend: पब्लिक ट्रांसपोर्ट ना ना ना ना, अपनी सवारी हां हां हां हां

locationछिंदवाड़ाPublished: Jan 23, 2022 10:50:20 am

Submitted by:

prabha shankar

अपनी सवारी कोरोना पर भारी, अब सफर में संक्रमण का डर नहीं , बढ़ा वाहनों की बिक्री का ग्राफ, नेशनल व स्टेट हाइवे में नए वाहनों के कारण ट्रैफिक भी बढ़ा

chhindwara

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प्रभाशंकर गिरी
छिंदवाड़ा। वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन ने लोगों को घरों में कैद कर दिया। संक्रमण से बचाव के लिए सार्वजनिक वाहन बंद कर दिए गए। घर से पलायन कर चुके लोगों ने घरों तक पहुंचने के लिए सैकड़ों किलोमीटर का सफर पैदल ही तय किया। संक्रमण कम हुआ तो धीरे-धीरे सबकुछ अनलॉक होने लगा, लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर पहले जैसा कायम विश्वास नहीं लौटा। ट्रांसपोर्ट संचालक मनमानी किराया वसूलने लगे तो लोगों ने इससे और दूरी बना ली और अपनी बचत से वाहन खरीदी को प्राथमिकता दी। बीते दो वर्षों में जिले में चौपहिया वाहन की रिकॉर्ड बिक्री दर्ज की गई।
आरटीओ में दर्ज आंकाड़ों की मानें तो वर्ष 2021 में 3200 चार पहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराया गया। जबकि 2018 में यह आंकड़ा 2500 तक था। यानी कोरोना संक्रमण के बाद से शहर, नेशनल व स्टेट हाइवे सभी में नए वाहनों का ट्रैफिक बढ़ गया।
chhindwara
IMAGE CREDIT: patrika
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इनका कहना है
कोरोनाकाल में वाहनों की बिक्री अपेक्षाकृत ज्यादा रही है। मध्यमवर्गीय परिवारों ने संक्रमण से अपने सफर को सुरक्षित बनाए रखने के लिए चौपहिया वाहनों की खरीदी की है। नागपुर जैसे शहर की आवाजाही के लिए भी लोगों ने निजी चौपहिया वाहन को ही प्राथमिकता दी। हालांकि टू व्हीलर की बिक्री अपेक्षाकृत कम रही। वे लोग जिन्हें यातायात सुविधा की ज्यादा जरूरत नहीं थी उन्होंने सोने की खरीदी कर निवेश किया।
संजीव सिंघई, डायरेक्टर, सत्कार हीरो

लग्जरी पहले लोगों के लिए स्टेटस सिम्बॉल माना जाता था, लेकिन कोरोना के दौरान यह जरूरत बन गई। यही वजह रही कि जो वर्ग पहले केवल दोपहिया वाहन की खरीदी में ही रुचि लेता था वह भी चौपहिया वाहनों में रुचि लेने लगा। जो नए वाहन नहीं खरीद सके उन्होंने सेकेंड हैंड वाहनों की खरीदी की। इसके अलावा जिले में वाहनों खरीदी के लिए अब कई विकल्प भी हैं जो लोगों को आकर्षित करते हैं।
अभय दुगड़, डायरेक्टर, कामठी मोटर्स
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