इनका कहना है
कोरोनाकाल में वाहनों की बिक्री अपेक्षाकृत ज्यादा रही है। मध्यमवर्गीय परिवारों ने संक्रमण से अपने सफर को सुरक्षित बनाए रखने के लिए चौपहिया वाहनों की खरीदी की है। नागपुर जैसे शहर की आवाजाही के लिए भी लोगों ने निजी चौपहिया वाहन को ही प्राथमिकता दी। हालांकि टू व्हीलर की बिक्री अपेक्षाकृत कम रही। वे लोग जिन्हें यातायात सुविधा की ज्यादा जरूरत नहीं थी उन्होंने सोने की खरीदी कर निवेश किया।
संजीव सिंघई, डायरेक्टर, सत्कार हीरो
लग्जरी पहले लोगों के लिए स्टेटस सिम्बॉल माना जाता था, लेकिन कोरोना के दौरान यह जरूरत बन गई। यही वजह रही कि जो वर्ग पहले केवल दोपहिया वाहन की खरीदी में ही रुचि लेता था वह भी चौपहिया वाहनों में रुचि लेने लगा। जो नए वाहन नहीं खरीद सके उन्होंने सेकेंड हैंड वाहनों की खरीदी की। इसके अलावा जिले में वाहनों खरीदी के लिए अब कई विकल्प भी हैं जो लोगों को आकर्षित करते हैं।
अभय दुगड़, डायरेक्टर, कामठी मोटर्स