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Cyber crime: साइबर अपराधी अपना रहे यह नया तरीका, हो जाइए सावधान

locationछिंदवाड़ाPublished: Nov 25, 2021 10:46:28 am

Submitted by:

ashish mishra

पुलिस लोगों को जागरुक करने के सिवाय कुछ नहीं कर पा रही है।

CYBER CRIME : अब संचार यंत्र बने नए हथियार, लगातार बढ़ रहे वार

CYBER CRIME : अब संचार यंत्र बने नए हथियार, लगातार बढ़ रहे वार


छिंदवाड़ा. ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने वक्त बरती जा लावरवाही अब लोगों को भारी पड़ रही है। हर वक्त साइबर अपराधी आपके खाते पर टेढ़ी नजर लगाए बैठे हैं। बड़ी बात यह है कि अधिकतर मामलों में पुलिस लोगों को जागरुक करने के सिवाय कुछ नहीं कर पा रही है। इंटरनेट पर अगर ज्यादा निर्भरता है तो इसके लिए सावधानी भी बरतने की जरूरत है। यदि ऐसा न हुआ तो साइबर अपराधी आपकी गाढ़ी कमाई में महज एक क्लिक से सेंध लगाकर खाता खाली कर सकता है। साइबर पुलिस मामलों की जांच के अलावा इनसे बचने के उपायों का प्रसार भी कर रही है। बावजूद इसके लोग लगातार इसका शिकार हो रहे हैं। अपराधी कहीं लोगों के बैंक खातों की जानकारी लेकर ऑनलाइन ट्रांसेक्शन कर रहे हैं तो कभी किसी की फेसबुक आईडी फर्जी बनाकर पैसे वसूल रहे हैं तो कभी किसी की फेसबुक आईडी पर अश्लील मैसेज डालकर उसे मानसिक रूप से प्रताडि़त कर रहे हैं।
केस नंबर-वन
विवेकानंद कॉलोनी निवासी वकील अजय पालीवाल के पास सोमवार रात उनके दोस्तों का फोन आया। पता चला कि अजय के नाम से किसी ने फेसबुक पर आइडी बना ली है और वह उनके दोस्तों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर पैसे मांग रहा है। गनीमत रही कि दोस्तों ने पैसे डालने से पहले अजय को फोन कर लिया।
केस नंबर-दो
धनपुरी गोस्वामी वार्ड नंबर-10 धर्मटेकड़ी, एसपी ऑफिस के सामने रहते हैं। वर्ष 2019 में उन्होंने अपने मोबाइल से ऐप के माध्यम से अपने साले को महाराष्ट्र बैंक के खाते में 20 हजार रुपए भेजे। धनपुरी का बैंक खाता एसबीआई खजरी ब्रांच का है। खाते से पैसे का ट्रांजेक्शन बताने लगा, लेकिन पैसा साले के खाते में नहीं पहुंचा। इसकी शिकायत धनपुरी ने एसबीआई ब्रांच में की तो ब्रांच का कहना था कि हमारे यहां से पैसा ट्रांजेक्शन हो गया है आप महाराष्ट्र बैंक से संपर्क करें। जब धनपुरी ने महाराष्ट्र बैंक से संपर्क किया तो उनका कहना था कि हमारे पास पैसा पहुंचा ही नहीं है। लगभग दो साल बाद भी धनपुरी एक बैंक से दूसरे बैंक के चक्कर लगा रहे हैं।

केस नंबर-तीन
शांति कॉलोनी निवासी दीपक बाजपेयी की माताजी का पेंशन खाता एसबीआई एग्रीकल्चर ब्रांच में है। दो साल पहले उनके खाते से लगभग दस ट्रांजेक्शन (लगभग एक लाख रुपए) निकल गए, लेकिन मोबाइल पर कोई मैसेज नहीं आया। जब खाते में दो हजार रुपए शेष बचे तो मैसेज आया। दीपक ने इसकी सूचना बैंक को दी। दीपक ने बताया कि सभी पैसे खरीदारी में खर्च किए गए और शिकायत के कुछ दिन बाद लगभग 32 हजार रुपए वापस भी आए, लेकिन अभी तक पूरे पैसे नहीं आए हैं।

किस तरह के हो रहे फ्रॉड
साइबर अपराधी फिशिंग मेल में गिफ्ट का लालच देकर, फेक दोस्त बनकर मदद भेजने के नाम पर, फ्री रिचार्ज और कैश बैक के लिए कॉल या मैसेज से, फर्जी कस्टमर केयर अधिकारी बनकर, लोन माफी के नाम पर मैसेज भेजकर, मिनटों में लोन दिलाने के नाम पर, फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाकर ब्लैकमेल कर, ओएलएक्स पर फर्जी ग्राहक बनकर, इंश्योरेंस पॉलिसी में बोनस के नाम पर, मदद करने के बहाने परिचित बनकर लिंक भेजा जाता है।
ऐसे बच सकते हैं
साइबर फ्रॉड से बचने के लिए सजगता दिखाना जरूरी है। संदेह वाले मैसेज और ईमेल का जवाब न दें। उस ईमेल और नंबर को तत्काल ब्लॉक कर दें। यदि कोई एटीएम पिन मांगता है तो इसकी जानकारी पुलिस को दें। कोई कस्टम अधिकारी बनकर बात करता है तो नंबर तुरंत पुलिस को दें।

इनका कहना है…
इस समय अधिकतर लोग ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर रहे हैं। कई लोग साइबर अपराधियों के झांसे में आ जाते हैं। सजगता से ही साइबर फ्रॉड से बचा जा सकता है। संदेश होने पर तत्काल पुलिस से संपर्क करना चाहिए।
विवेक अग्रवाल, एसपी, छिंदवाड़ा
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