एनएचएम की रिपोर्ट के अनुसार जिले में अतिकुपोषित बच्चों की संख्या 137 व गम्भीर एनीमिया पीडि़त 21 हैं। जबकि 28 जून तक 40 कुपोषित तथा गम्भीर एनीमिक पीडि़त सिर्फ एक बच्चे को ही उपचार मिल सका है। दस्तक अभियान का यह दूसरा चरण चलाया जा रहा है। इसमें मैदानी कर्मचारी एएनएम, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता आदि अभियान में खानापूर्ति कर रहे हैं। उचित मॉनिटरिंग न होने से जिले की रैंकिंग खराब हो रही है।
दस्तक अभियान के तहत यह है लक्ष्य –
1. शून्य से पांच वर्ष आयु के बच्चों की संख्या – 274757 2. शून्य से पांच वर्ष आयु के कुपोषित बच्चों की संख्या – 25277
1. शून्य से पांच वर्ष आयु के बच्चों की संख्या – 274757 2. शून्य से पांच वर्ष आयु के कुपोषित बच्चों की संख्या – 25277
3. शून्य से पांच वर्ष आयु के एनीमिया ग्रस्त बच्चों की संख्या – 5495 4. पांच वर्ष आयु तक दस्त रोग से ग्रसित बच्चों की संख्या – 26101 5. पांच वर्ष आयु तक के निमोनिया रोग से ग्रसित बच्चों की संख्या – 5769
ब्लाकस्तर पर दस्तक अभियान के कार्यों की हकीकत – ब्लाक कुल रेफर एमयूएसी टेप से परखा गया कुपोषण (11.5 से कम) एनीमिया जन्मजात विकृति अन्य रोग अमरवाड़ा 50 23 07 00 32
बिछुआ 68 30 06 07 07 चौरई 66 30 05 07 07 हर्रई 23 08 08 00 00 जुन्नारदेव 43 19 06 00 00 मोहखेड़ 98 19 05 01 18
परासिया 48 19 16 04 03 पांढुर्ना 23 06 01 01 00 छिंदवाड़ा 50 08 14 07 01 सौंसर 34 16 09 08 06 तामिया 49 28 15 06 02
विभागीय दावा – 28 जून की स्थिति में मरीजों को दिया गया स्वास्थ्य लाभ ब्लाक लक्ष्य उपचारित बच्चों की संख्या छिंदवाड़ा 30680 22356 अमरवाड़ा 14475 13797 बिछुआ 9145 8255 चौरई 17242 15792
हर्रई 14302 13207 जुन्नारदेव 21890 20943 मोहखेड़ 15319 13665 पांढुर्ना 17528 13394 परासिया 25934 24220 सौंसर 16534 13911 तामिया 11390 10478