बेटी को नहीं दिखे पिता और भाई
नवेगांव थाना में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक नरेश शर्मा ने बताया कि 30 जून की सुबह शंकर की बेटी प्रमिला इवनाती (22) घर से खेत पहुंची तो देखा कि झोपड़ी में उसके पिता और भाई नहीं हैं। चारपाई के समीप खून से सने पत्थर पड़े थे जिसे देखकर वह घबरा गई। आसपास तलाश करने के बाद उसने घर जाकर परिजन को बताया। परिजन की तलाश के बाद शंकर इवनाती और उसके बेटे रूपेश का शव तलाब में दिखाई दिया। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची, शव तालाब से निकलवाए और पंचनामा की कार्रवाई कर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल पहुंचाए। प्रमिला की रिपोर्ट पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज किया है।
छह बेटियां व तीन बेटे
शंकर इनवाती की छह बेटियां
और तीन बेटे थे। एक बेटे की हत्या के बाद अब छह बहनों के बीच दो भाई रह गए हैं। चार बेटियों की शादी हो चुकी है। दो बेटियां अभी शादी के लायक हैं। पिता की मौत के बाद परिवार पूरी तरह से टूट चुका है। दोनों भाइयों पर परिवार की जिम्मेदारी आ चुकी है। शंकर के एक भाई की पहले ही मौत हो चुकी है। शंकर की मौत के बाद चार भाइयों में से अब केवल दो भाई रह गए हैं। एक भाई बिछुआ में रहता है और दूसरा नागपुर में रह रहा है।
जमीन तो नहीं वजह
शंकर और उसके तीन भाइयों के बीच परिवार की पुस्तैनी करीब 18 एकड़ भूमि है। जमीन का अभी बंटवारा नहीं हुआ है। खेती शंकर ही करता था। पुलिस को संदेह है कि कहीं जमीन को लेकर हत्या तो नहीं की गई है। हालांकि इसके अलावा भी कई बिंदुओं पर जांच और छानबीन की जा रही है। पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया है कि वारदात को अंजाम देने में दो से अधिक व्यक्ति शामिल थे। शव को झोपड़ी के अंदर से लेकर आना और उसे तालाब में फेंकना एक व्यक्ति के बस की बात नहीं है।