पिपला जोन से अशोक चौधरी ने संबोधन में कहा कि मप्र सरकार द्वारा समय-समय पर योजनाओं को बदला जा रहा है और त्रुटि बताई जाती है। कमी को सुधारे जाने की बात होती है। भावान्तर योजना को किसानों के हित में योजना ना होकर केवल नुकसान की योजना है। कांग्रेस नेताओं ने विचार रख कहा कि किसानों की फसलों को उचित भाव नहीं मिल रहा है। खेतों में सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है। फसलों को समर्थन मूल्य से खरीदे जाने की बात रखी। कांग्रेस ने कहा कि मप्र सरकार द्वारा किसानों एवं आमजनों, मजदूरों का शोषण हुआ है। क्षेत्र में जनजागृति के लिए आवाज उठाते हुए जोन स्तर पर धरने कर आगामी समय में तहसील मुख्यालय में बड़ा आन्दोलन करने की बात कही गई। धरना स्थल पर देवेन्द्र केदार, रविन्द्र चौरे, डॉ. राजेन्द्र येमदे, किशोर डोंगरे, शांताराम लव्हाले, रामदास धकाते, गोविन्द्रा ब्रम्हे, अनिल वनकर, नरेन्द्र फोले, उत्तम कारोकार, प्रवीण चौधरी, भीमराव ढोक, बिसेन, कैलाश चौधरी, राजेश गोडवानी सहित एनएसयूआई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।