जब भी गांव की बात चलती है, तो एक सुकून भरे, शांत, सहज, सादगीपूर्ण वातावरण का आभास मन में उभर जाता हैं। मिट्टी के बने घर, हरे-भरे खेत, हल जोतते किसान, मवेशियों के गले में टुनकती घंटी, चौपाल पर बतियाते बुजुर्गों के दृश्य साकार होने लगते हैं। पर हकीकत यह हैं कि गांव अब बदल गए हैं। आधुनिक तकनीक और जीवन-शैली की धमक वहां साफ सुनाई देने लगी है।देवगढ़ में इसी परिदृश्य को साकार करने की योजना तैयार हो चुकी है जिस पर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। मूलभूत धरोहर के साथ किसी भी तरह से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। खास बातों का ध्यान रखते हुए यहां के घरों को नया रूप दिया जाएगा। देवगढ़ के नवीन स्वीकृत 61 प्रधानमंत्री आवासों को विशेषज्ञों की मदद से परम्परागत आकार देकर होम स्टे के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी कार्यपालन यंत्री भावेश अग्रवाल को सौंपी गई हैं। देवगढ़ पंचायत के 20 युवाओं का चयन टूरिस्ट गाइड के लिए सुधीर कृषक और शोभित करेंगे। बाद में युवाओं को टूरिस्ट गाइड का विभिन्न बिन्दुओं पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। पूर्व की स्वीकृत 41 बावडिय़ों के जीर्णोद्धार का कार्य युद्ध स्तर पर किया जाना है जिसकी जिम्मेदारी सहायक यंत्री शिव सिंह बघेल की टीम को सौंपी गई है। गांव के बदलाव के साथ ही पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा साथ ही यहां के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी तलाशे जा रहे हैं।
विशेषज्ञों की ली जाएगी मदद
पुरातात्विक महत्व की बावडिय़ों के वैज्ञानिक उत्खनन के लिए पुरातत्व विभाग नागपुर विश्वविद्यालय तथा बीरबल साहनी इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस के विशेषज्ञों की विशेष मदद ली जाएगी। विशेषज्ञों की मदद से बावडिय़ों की जीर्णोद्धार में तेजी से काम किया जाएगा। वहीं घरों को परम्परागत रूप देने और टूरिस्ट प्रशिक्षण के लिए एक अलग टीम काम करेगी। जिला प्रशासन ने सभी की जिम्मेदारी तय कर दी है। तैयार योजना पर जल्द ही काम शुरू किया जाएगा। जरूरत पडऩे पर अन्य विशषेज्ञों की भी मदद ली जाएगी।
अच्छा कार्य हो रहा है
विकास के साथ ही वर्तमान में तैयार योजना गांव को नई पहचान दिलाएगी। जिला प्रशासन की ओर से किया जाने वाला प्रत्येक कार्य सराहनीय है, युवाओं को रोजगार मिलेगा, इससे अच्छी बात और कोई नहीं हो सकती।
केशव घाघरे, सरपंच, देवगढ़
विरासत के रूप में जाना जाएगा
देवगढ़ गांव को छिंदवाड़ा की विरासत के रूप में पहचाना जाएगा। कार्य योजना तैयार कर सभी को जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है। विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी।
-गजेन्द्र सिंह नागेश, सीइओ, जिला पंचायत, छिंदवाड़ा