यहां विभाग ही फैला रहा मलेरिया-डेंगू के वायरस
ला जेल में मिला एक मरीज, पॉजिटिव मिलने के बाद भी विभाग ने नहीं ली सुध

छिंदवाड़ा. मलेरिया रोग नियंत्रण को लेकर विभाग गम्भीर नहीं है। यही वजह है कि जिला जेल में एक बंदी के पॉजिटिव मिलने के तीन दिन बाद भी न तो सर्वे कराया गया और न ही दवा का छिडक़ाव किया गया। एेेसे में जेल के अन्य बंदियों के भी स्वास्थ्य पर खतरा मंडरा रहा है। गौरतलब है कि जिला अस्पताल में शनिवार को जिला जेल में बंद एक ३८ वर्षीय बंदी की ब्लड रिपोर्ट में मलेरिया पॉजिटिव आया था। इसकी सूचना मलेरिया विभाग में भी दी गई, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने अब तक गम्भीरता नहीं दिखाई।
मलेरिया विभाग का कारनामा, न किया सर्वे न हुआ दवा छिडक़ाव
जिला मलेरिया अधिकारी के प्रशिक्षण में शामिल होने के कारण जिला मुख्यालय पर मौजूद न रहने से सर्वे और दवा छिडक़ाव कार्य नहीं हो पाने का बहाना विभागीय कर्मचारी बना रहे हैं। जबकि सीएमएचओ कार्यालय के पत्र से मामले में पहल की जा सकती है।
जिला अस्पताल में ही पनप रहा लार्वा
इधर जिला अस्पताल में मलेरिया तथा डेंगू का लार्वा पनप रहा है। दूसरों को हिदायत देने वाला स्वास्थ्य विभाग स्वयं ही लापरवाही बरत रहा है। इसकी वजह जिला अस्पताल की छतों पर खुली पड़ी पानी की टंकियां और कबाड़ में एकत्रित बारिश का पानी बताया जा रहा है। डेंगू तथा मलेरिया एडिज मच्छारों के लिए एेसी स्थिति उपयुक्त होती है। मलेरिया विभाग लोगों को पानी ढंक कर रखने, एकत्रित पानी में दवा डालने, पानी की टंकियों में ढक्कन लगाने की हिदायत देता है। फिर भी विभाग लापरवाही बरत रहा है।
जिला जेल में मिला एक मरीज, पॉजिटिव मिलने के बाद भी विभाग ने नहीं ली सुध
जिला अस्पताल में विभिन्न विभागों में पानी की आपूर्ति के लिए 30 से 40 टंकिया लगी हुई हैं। इनमें से ज्यादातर टंकियों में ढक्कन नहीं लगे है तथा कई कबाड़ में तब्दील होने से बेकार हो गई है। बारिश की वजह से इनमें पानी भर जाता है। जो एडिज मच्छरों के लिए अंडे देने के लिए अनुकूल वातावरण निर्मित करता है। इसके बावजूद विभाग ध्यान नहीं दे रहा है।
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