scriptडायबिटीज डे : ये खुशनुमा दिनचर्या हो जाए तो बीमारी की छुट्टी | Diabetes Day: If this is a happy routine then leave for sickness | Patrika News

डायबिटीज डे : ये खुशनुमा दिनचर्या हो जाए तो बीमारी की छुट्टी

locationछिंदवाड़ाPublished: Nov 14, 2019 11:28:18 am

Submitted by:

manohar soni

30 वर्ष की आयु के बाद हर चौथा व्यक्ति बीमारी का शिकार,असंतुलित जीवन शैली,मानसिक तनाव ज्यादा जिम्मेदार

morning walk

दो माह से उखाड़कर छोड़ दिया ट्रेक, कहां करें वाकिंग,दो माह से उखाड़कर छोड़ दिया ट्रेक, कहां करें वाकिंग,sehat ke leye morning walk karteu sharwasi

छिंदवाड़ा/असंतुलित जीवनशैली,खान-पान,शारीरिक श्रम में कमी तथा मानसिक तनाव से हर चौथा व्यक्ति डायबिटीज की चपेट में आता जा रहा है। जिला अस्पताल और निजी क्लीनिकों में मरीज की कतार प्रतिदिन लग रही है। पीडि़तों को प्रतिदिन दवाएं लेनी पड़ रही है। चिकित्सकों का मानना है कि छात्र जीवन से ही संतुलित दिनचर्या और मॉर्निंग वॉक,एक्ससाइज और योगा किया जाए तो इस बीमारी से आसानी से बचा जा सकता है। बीमार भी जीवनशैली में यहीं बदलाव कर डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं। विश्व डायबिटीज दिवस 14 नवम्बर को इस बीमारी की भयावहता और उसके निदान पर फोकस होगा। तब चिकित्सकों की सलाह पूरे समाज के लिए उपयोगी हैं।

पूरे जिले में करीब 22 लाख की आबादी में औसत 6 लाख शहरी और 16 लाख ग्रामीण है। यह बीमारी शहरी इलाकों में 30 वर्ष की आयु से अधिक के लोगों में देरी से जागने,खान-पान में असंतुलन और मानसिक तनाव से तेजी से बढ़ रही है। ग्रामीण इलाका अपनी प्राचीन जीवनशैली और शारीरिक श्रम के बूते इससे काफी हद तक दूर है। कुछ स्तर पर इसकी आहट जरूर सुनी जा रही है। वजह यह है कि खून में ग्लूकोज की मात्रा जरूरत से ज्यादा बढ़ रही है। मरीज को बार-बार पेशाब आना, बार-बार प्यास लगना, भूख लगना व मूत्र का कसैला व मीठा होना लक्षण है। चिकित्सकों का कहना है कि पूरा भारत असंतुलित जीवन शैली से विश्व में डायबिटीज की राजधानी बनता जा रहा है। ऐसे में सतर्कता और चिकित्सा ही इसका निदान है। हर व्यक्ति को अस्पताल पहुंचकर बीपी-शुगर की जांच जरूर करा लेनी चाहिए। इससे इस बीमारी के दुष्प्रभाव को इलाज से कम किया जा सकता है।
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एक्सपर्ट की राय
विकसित देशों की अपेक्षा भारत में डायबिटीज तेजी से बढ़ रही है। इसका कारण है जागरुकता की कमी। यदि हम छात्र जीवन से ही एक घंटे शारीरिक श्रम,खान-पान में कंट्रोल,पौष्टिक आहार का सेवन और मानसिक तनाव न लें तो इस बीमारी से बचा जा सकता है। इसके अलावा शराब और तम्बाकू के सेवन से दूर रहना आवश्यक है। यदि किसी रिश्तेदार को यह बीमारी है तो जीवन शैली में सतर्कता जरूरी है। अस्पताल में 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को एक बार बीपी व शुगर की जांच जरूर कराना चाहिए।
-डॉ.अजय मोहन वर्मा,मेडिकल व हृदय रोग विशेषज्ञ,जिला अस्पताल।
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आयुर्वेद चिकित्सा मुख्यत: औषधियों के साथ आहार-विहार व जीवनशैली में नियमितता पर निर्भर है। डायबिटीज का इलाज नियमित एक्सरसाइज,योगा,खेलकूद,पैदल चलना व संतुलित आहार और उचित आयुर्वेदिक औषधियों से संभव है। आयुर्वेद में पंचकर्म चिकित्सा जैसे उद्ध वर्तन,धान्याम्ल धारा,सर्वांग,अभ्यंग,सर्वांग धारा,बमन कर्म, विरेचन कर्म आदि चिकित्सा उपयोगी है।
-डॉ.प्रियंका धुर्वे,विशेषज्ञ आयुर्वेद,आयुष विंग जिला अस्पताल।

ये औषधियां और आहार लाभकारी
1.आयुर्वेदिक औषधियां करेला,आंवला,मेथी,गुडूची,निशा आमलकी, हरिद्रा, शिलाजीत,त्रिफ ला,लोहासव, जामुन, फ लत्रिकादि काढ़ा आदि औषधि द्रव्यं लाभकारी है।
2. मधुमेह में आहार चावल की कुछ किस्में जैसे सामक, कोद्रव व गेहूं को शामिल करें। हरे चने कुलथी,अरहर की दाल,अलसी काबुली चने व दाल भी लें।
3.फ ल सब्जियों जैसे परवल, करेला,आमलकी हरिद्रा, बेल,काली मिर्च शामिल करें।साथ ही शहद व सेंधा नमक का सेवन करें।
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