ऐसे ही कुछ मामले सामने आए है, जिसमें किडनी रोग पीडि़त ऐसे मरीज जिन्हें एक सप्ताह, एक महीना या हर दूसरे दिन डायलिसिस देना अनिवार्य होता है। लेकिन निजी चिकित्सा संस्था और जिला अस्पताल में उक्त सेवाएं अभी बंद है, जिससे ऐसे मरीज दोहरी मार झेल रहे है। जुन्नारदेव निवासी एक मरीज के परिजन ने बताया कि वे रविवार को एक निजी हॉस्पिटल में डायलिसिस कराने पहुंचे थे। लेकिन वहां से उन्हें बिना उपचार के लौटा दिया गया।
नागपुर भी नहीं जा पा रहे लोग –
जिले में जिला अस्पताल समेत डायलिसिस की सुविधा चार निजी हॉस्पिटलों में है। लेकिन लॉकडाउन और संक्रमण की वजह से उक्त सुविधाएं बंद है तथा किडनी रोगी उपचार के लिए नागपुर भी नहीं जा पा रहे है। बताया जाता है कि जिले में करीब 250 रोगियों का डायलिसिस किया जाता है।
जिले में जिला अस्पताल समेत डायलिसिस की सुविधा चार निजी हॉस्पिटलों में है। लेकिन लॉकडाउन और संक्रमण की वजह से उक्त सुविधाएं बंद है तथा किडनी रोगी उपचार के लिए नागपुर भी नहीं जा पा रहे है। बताया जाता है कि जिले में करीब 250 रोगियों का डायलिसिस किया जाता है।
प्रशासन से करेंगे चर्चा –
कोरोना वायरस के कारण डायलिसिस यूनिट बंद है, पर मरीजों के लिए व्यवस्था नहीं बन सकी है। इसके संदर्भ में प्रशासन से चर्चा करेंगे तथा शीघ्र ही निराकरण कराएंगे।
कोरोना वायरस के कारण डायलिसिस यूनिट बंद है, पर मरीजों के लिए व्यवस्था नहीं बन सकी है। इसके संदर्भ में प्रशासन से चर्चा करेंगे तथा शीघ्र ही निराकरण कराएंगे।
डॉ. प्रदीप मौजेस, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी छिंदवाड़ा