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आजादी के पूर्व से ही सडक़ निर्माण में दिक्कत

locationछिंदवाड़ाPublished: Apr 23, 2019 05:54:56 pm

Submitted by:

arun garhewal

आजादी के पूर्व से खस्ताहाल इस सडक़ के लिए आजादी मिलने के बाद से ही की जा रही है

Difficulty in road construction since independence

आजादी के पूर्व से ही सडक़ निर्माण में दिक्कत

छिंदवाड़ा. जुन्नारदेव. विशाला पंचायत की यह सडक़ वन विभाग के क्षेत्र से होकर गुजरती है और लगातार ग्रामीणों द्वारा सडक़ निर्माण की मांग आजादी के पूर्व से खस्ताहाल इस सडक़ के लिए आजादी मिलने के बाद से ही की जा रही है किन्तु वन विभाग की एनओसी इसमें आड़े आ रही है वहीं पंचायत के नुमाइन्दिों सहित जनप्रतिनिधियों की उदासीनता भी इसके लिए एक बड़ा कारण मानी जा रही है। विशाला पंचायत के ग्रामीण सडक़ की मांग लगभग सात दशक से करते आ रहे है किन्तु सरकारे आईं बदलती किन्तु नहीं बदली तो विशाला पंचायत की यह सडक़। इसके पूर्व भी पंचायत के नुमाइन्दिों द्वारा सडक़ के लिए एनओसी प्राप्त करने की बात कहीं गयी थी किन्तु यह बात कितनी सही है यह कहना मुश्किल है। विकासखंड में आज भी कई ग्राम ऐसे है जो मूलभूत सुविधाओं के लिए रोना रो रहे है किन्तु चुनावी वर्ष में राजनीतिक पार्टियों बड़े-बड़े वादे तो करती है किन्तु इनकी कलही ग्रामीण अंचल पहुंच खुल जाती है। इसका स्पष्ट नजारा विकासखंड के तहसील कार्यालय के पास से मढिय़ा बाबा होते हुए विशाला पंचायत के ढाना तक पहुंचने वाली करीब 1.5 किमी की सडक़ को देखकर लगाया जा सकता है।
यह सडक़ आजादी के पूर्व से ही अपनी दुर्दशा का रोना रो रही है और लगातार ग्रामीण सडक़ निर्माण की मांग भी उठा रहे हैं किन्तु ग्रामीणों की मांगों को लगातार अनसुना किया जा रहा है। अब इस ग्राम के ग्रामीण अपनी दुर्दशा किसे सुनाएं और कौन उनकी इस मूलभूत सुविधा की पूर्ति करेगा। पंचायत की लगातार उदासीनता और वन विभाग और पंचायत के फेर में फंसी इस सडक़ को पंचायत स्तर पर एनओसी लेकर बनाया जाना था किन्तु पंचायत के नुमाइन्दिों की लापरवाही और उदासीनता के चलते अब ग्रामीण जर्जर सडक़ पर चलने को विवश हैं।

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