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इस तकनीकि खराबी से भूखे न रह जाए गरीब

locationछिंदवाड़ाPublished: Aug 28, 2017 01:01:00 am

Submitted by:

sanjay daldale

पीओएस मशीनों की खराबी ठीक नहीं होने के कारण गरीबों को एक माह बाद भी राशन नहीं मिल सका है। 

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गरीबों को एक माह बाद भी राशन नहीं मिल सका है।

पांढुर्ना. शासकीय कार्याे का डिजिटल होना लोगों को अब भारी पड़ रहा है। एक तकनीकि खराबी लोगों के मुसीबत से कम नहीं है। पीओएस मशीनों की खराबी ठीक नहीं होने के कारण गरीबों को एक माह बाद भी राशन नहीं मिल सका है। लगभग 12 उचित मूल्य की राशन दुकान की पीओएस मशीने खराब पड़ी हुई हैं वहीं 4 दुकानों के प्रिंटर खराब है। तकनीकि अधिकारी नहीं होने से इन मशीनों में अब तक सुधार नहीं हो पाया है। जिसकी वजह से राशन वितरण प्रणाली ठप पड़ी हुई है। खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी एनएल धारू के अनुसार शीघ्र ही मशीनें ठीक हो जाएगी लेकिन गरीब परिवारों का कहना है कि त्योहारों में ही हमें राशन के लिए भटकना पड़़ रहा है। आखिर ऐसी व्यवस्था से क्या फायदा जिससे गरीबों को परेशान होना पड़े। ऐसे में डिजीटल इंडिया के सपने पर पानी फिरता दिख रहा है।

इन दुकानों की मशीनें खराब
जानकारी के अनुसार उचित मूल्य दुकान नांदनवाड़ी, जामलापानी, चिमनखापा, नरसला, पठारा,
घोघरी, चिचखेड़ा, मांगुरली, कौढिय़ा के अलावा शहर की तीन दुकान, लोक सेवा की एक दो और भवानी अंबा वार्ड की एक दुकान की पीओएस मशीने खराब पड़ी है। इसी तरह से सरकारी उचित मूल्य की राशन दुकान चांगोबा, अंबाड़ा, लेंदागोंदी, धावड़ीखापा का प्रिंटर खराब हो गया है। सभी में तकनीकि खराबी पिछले एक माह से बनी हुई है परंतु आज तक इसमें सुधार नहीं हो पाया है।

तो कैसे बनेगा डिजिटल इंडिया
सरकार ने डिजिटल इंडिया की दिशा में कदम उठाते हुए सभी शासकीय कामकाज को ऑनलाइन कर दिया है। परंतु अब भी शासकीय तैयारी अधूरी नजर आ रही है। जिसका खामियाजा गरीब जनता को भुगतना पड़ रहा है। आज सवाल उठ रहे है कि यदि मशीनों के सुधार के लिए व्यापक तैयारी नहीं थी तो मशीनों को शुरू ही क्यों किया गया। ऐसे में डिजीटल इंडिया के सपने पर पानी फिरता दिख रहा है।

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