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District Hospital: टॉर्च की रोशनी में उपचार, गायनिक व अन्य वार्डों में मरीज होते रहे परेशान

- ट्रांसफार्मर में ब्लास्ट, दो घंटे ब्लैक आउट - आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार नहीं थे जनरेटर - डीजल मंगवाकर भरा तब बन पाई व्यवस्था

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टॉर्च की रोशनी में मरीज के लिए पर्चा लिखते डॉक्टर।

टॉर्च की रोशनी में मरीज के लिए पर्चा लिखते डॉक्टर।

District Hospital में शनिवार की दोपहर ट्रांसफार्मर में ब्लास्ट के बाद दो घंटे ब्लैक आउट की स्थिति निर्मित हो गई। इमरजेंसी कक्ष में डॉक्टर टॉर्च की रोशनी में उपचार करते दिखे, वहीं गायनिक, आईसीसीयू में मरीज गर्मी से हलकान मिले। दोपहर 2.06 बजे प्रबंधन ने डीजल बुलाया। इसके बाद जनरेटर चालू कर अस्पताल में बिजली सप्लाई की गई। इसके बाद टेक्नीशियन व विद्युत कर्मी ने ट्रांसफार्मर में सुधार किया, तब जाकर कुछ समय बाद बिजली आपूर्ति पूरी तरह से बहाल हो पाई।

इमरजेंसी के लिए नहीं था डीजल

जिला अस्पताल की इमारत का मेंटेनेंस मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को करना है लेकिन इसमें लापरवाही बरती जाती है। किसी इमरजेंसी की स्थिति में जनरेटर को तैयार रखना चाहिए था, लेकिन बिजली आपूर्ति प्रभावित होने पर जब जनरेटर चालू करने की बात आई तो डीजल नहीं था। इसके बाद अस्पताल व मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कुछ समय बाद डीजल की व्यवस्था बनाई, तब तक अस्पताल में अंधेरा छाया रहा था।

33केवी का सब स्टेशन पर सब इंजीनियर ही नहीं

जिला अस्पताल में बिजली आपूर्ति के लिए 33 केवी का सब स्टेशन लगाया गया है। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के पास कोई सब इंजीनियर ही नहीं है जो ट्रांसफार्मर में खराबी आने पर उसका सुधार कार्य व मेंटेनेंस करता रहे। वर्तमान में जिला अस्पताल के टेक्नीशियन के भरोसे सुधार कार्य किया जाता है।

इनका कहना है
जिला अस्पताल परिसर में लगे 33 केवी सब स्टेशन का ट्रांसफार्मर तकनीकी खराबी की वजह से ब्लास्ट हो गया। जनरेटर से जिला अस्पताल में बिजली आपूर्ति करने के बाद इस दौरान उसका सुधार कार्य किया गया।
डॉ रवि टांडेकर, प्रभारी सिविल सर्जन, जिला अस्पताल, छिंदवाड़ा