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खातों में गड़बड़ी पर बैंकों का करनी पड़ रही मशक्कत

locationछिंदवाड़ाPublished: May 05, 2019 07:38:32 pm

Submitted by:

prabha shankar

समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का मामला

Disturbances in bank accounts

Disturbances in bank accounts

छिंदवाड़ा. अनाज बेचने से पहले की जाने वाली औपचारिकता के समय किसानों से पूरी जांच परख के बाद खाता सम्बंधी जानकारी देने के लिए कहा जाता है। बावजूद इसकी सही जानकारी न मिल पाने के कारण समितियों, बैंकों के साथ राजधानी स्तर पर बैठे आला अधिकारियों को मशक्कत करनी पड़ती है। इस बार भी समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के बाद उसके भुगतान के लिए किसानों से खाता सम्बंधी जानकारियां भरने कहा गया था।
जिले से साढ़े सात सौ से ज्यादा किसान ऐसे हैं जिन्होंने या तो खाता नम्बर गलत दिया है या बैंक का आइएफएससी कोड नहीं दिया है। कुछ ने ऐसी पासबुुक का अकाउंट नम्बर दिया है जो सक्रिय नहीं है। अब इसके लिए बैंक को फिर से कवायद करनी पड़ रही है। भोपाल से ये सूची जिला सहकारी बैंक को दी गई है। बैंक फिर से किसानों से सम्पर्क कर उन्हें बुलवाकर सुधार करा रहा है ताकि बेची गई उपज का पैसा उन्हें जल्द मिल सके। जिले के 775 खातों में ऐसी गड़बडिय़ां
मिली हैं। समर्थन मूल्य की इस बार की खरीदी में अनाज बेचने और उसके परिवहन होने के तीन से चार दिन के अंतराल में किसानों के खाते में सीधे भोपाल से पैसा डल रहा है। पहले भोपाल से बैंक के पास पैसा आता था। वो समिति को ट्रांसफर करते थे और फिर किसानों के खाते में पैसा डलता था।
सरकार ने इस बार जस्ट इन टाइन का नया प्रयोग किया है। इसमें खरीदी के तीन दिन के भीतर अनाज का परिवहन कर गोदाम में पहुंचाना है। गोदाम में जैसे ही अनाज पहुंचता है उसकी जानकारी तत्काल ऑनलाइन फीड हो जाती है। भोपाल से औपचारिकता पूरी होने के बाद समिति प्रबंधन के डिजिटल सिग्नेचर का मिलान करने के बाद तत्काल पैसा किसानों दिया जा रहा है।

जिले में 30 करोड़ से ज्यादा का भुगतान
समर्थन मूल्य पर खरीदे गेहूं का अब तक 30 करोड़ का भुगतान जिले में हो चुका है। समर्थन मूल्य पर इस बार गेहूं की खरीदी कमजोर है और 3500 किसानों ने ही अब तक समितियों में गेहूं बेचने में रुचि दिखाई है। 24 मई तक ये खरीदी होनी है।

तत्परता से किया जा रहा निराकरण
जिले में पंजीकृत किसानों के खातों की जांच के समय पता चला है कि जिले के 775 किसानों के खातों में कुछ गड़बड़ी है। हम उन्हें सुधरवाकर सही जानकारी भेज रहे हैं। खाता नम्बर, आइएफएससी कोड या फिर असक्रिय खातों के कारण ऐसा हुआ है। जल्द इसका निराकरण किया जा रहा है ताकि किसानों को उनकी रकम मिल सके।
केके सोनी, महाप्रबंधक, जिला सहकारी बैंक, छिंदवाड़ा

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