छिंदवाड़ा

मुख्यमंत्री के जिले में इमरजेंसी में इलाज करने से हिचकिचाते हैं डॉक्टर

चिकित्सा अधिकारियों द्वारा मामले की जानकारी दिए जाने के बावजूद अधिकारी सुधार करने की बजाय अपनी समस्या गिना देते हैं

छिंदवाड़ाMay 15, 2019 / 11:50 pm

prabha shankar

Disturbed in district hospital

छिंदवाड़ा. शासकीय मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध जिला अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी हो गई है। हालात ये हैं कि इमरजेंसी की स्थिति में भी मरीजों की आवश्यक ब्लड जांचें नहीं हो पा रहीं हैं। इस वजह से डॉक्टरों को सही उपचार देने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चिकित्सा अधिकारियों द्वारा मामले की जानकारी दिए जाने के बावजूद अधिकारी सुधार करने की बजाय अपनी समस्या गिना देते हैं।
उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल की ट्रामा यूनिट में आकस्मिक चिकित्सा विभाग का संचालन होता है। यहां दुर्घटना या गम्भीर मरीजों को तत्काल उपचार दिया जाता है। उपचार के पहले डॉक्टर डायबिटीज या ब्लड प्रेशर का मरीज तो नहीं है इसकी जांच होती है। इसके बाद ही आवश्यक उपचार या ऑपरेशन की तैयारी की जाती है, लेकिन ओपीडी समेत ट्रामा यूनिट में शुगर टेस्ट की स्ट्रिप खत्म होने से उक्त जांच नहीं हो पा रही है। ऐसे में डॉक्टर मरीज को उपचार देने में हिचकिचा रहे हैं।
मेडिकल कॉलेज से जिला अस्पताल को सम्बद्धता तो मिल गई और इसकी वजह से मरीजों की संख्या में इजाफा भी हो गया, लेकिन अब तक मेडिकल कॉलेज की न तो लैब तैयार हो सकी है और न ही बजट उपलब्ध हुआ है। इसी वजह से आए दिन जांच सामग्री खत्म हो जाती है।

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