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Diwali Celebration: वापसी से गांवों में लौटी रौनक

locationछिंदवाड़ाPublished: Nov 13, 2020 06:12:16 pm

Submitted by:

prabha shankar

मजदूरी करने भोपाल, होशंगाबाद गए थे, सोयाबीन काट कर लौटे मजदूर परिवार के साथ मनाएंगे त्योहार

Diwali Celebration: Return to the villages,Workers went to Bhopal, Hoshangabad to do labor, laborers will celebrate festival with family after cutting soybean

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छिंदवाड़ा/छिंदी. पातालकोट के गांव हारमऊ के रहने वाले अमरलाल भारती का चेहरा खिला और पैर खुशी के मारे जमीन पर टिक नहीं पा रहे हैं। आखिर यह मजदूर होशंगाबाद से सोयाबीन कटाई कर लौटा है और दीपावली मनाने की तैयारी में जुटा है। अमर के साथ गांव के मजदूरों की टोली भी वापस आई है। उनके हाथ उनकी मेहनत मजदूरी के पैसे हैं, जिससे वे खुद और बच्चों के नए कपड़े खरीद रहे हैं।
पातालकोट समेत पूरे तामिया विकासखंड के सैकड़ों गांव में इस समय मजदूरों की वापसी से खुशी झलक रही है। ये सभी लोग सोयाबीन फसल कटाई की मजदूरी करने पिपरिया, होशंगाबाद और भोपाल गए थे। उस समय उन्होंने बच्चों को घर के बुजुर्गों के हवाले कर दिया था। अब दीपावली के नजदीक आते ही गांव लौटे हैं।

लम्बे समय से बाहर जाने की परम्परा
रोजी रोटी के लिए ये पलायन केवल तामिया में नहीं बल्कि जिले के दूसरे हिस्से अमरवाड़ा, हर्रई, जुन्नारदेव और बिछुआ विकासखंड में भी है,जहां फसल काटने के लिए टोली में जाने की परम्परा लम्बे समय से आदिवासी समुदाय के बीच रही है। पिछले एक दशक से मनरेगा योजना में अरबों रुपए खर्च हो चुके है, लेकिन किसी ने भी फसल काटने बाहर जाना नहीं छोड़ा है। महत्वपूर्ण यह है कि मजदूर न केवल इस सीजन में सोयाबीन बल्कि तुअर तथा अप्रैल में गेहूं काटने जाते हंै।

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