छिंदवाड़ा

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श्वान हुए हिंसक: नगरनिगम और जिला प्रशासन के प्रति लोगों में आक्रोश, तीन माह में तीन सौ से अधिक पहुंचे जिला अस्पताल

छिंदवाड़ाJul 30, 2018 / 10:16 am

Dinesh Sahu

do not ever this mistake, when dog bite

छिंदवाड़ा. नगर में आवारा श्वानों के मुंह इंसानी खून लग गया है। इनकी दहशत लोगों के मन में समा गई है, वहीं लोगों में नगरनिगम और जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर आक्रोश भी है। विगत तीन महीने में श्वानों के हमले से घायल हुए 300 से अधिक मरीज उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंच चुके हैं। प्रत्येक को पांच इंजेक्शन के हिसाब से 1500 डोज दिए जा चुके हैं।
 

बताया जाता है कि बारिश के मौसम में आवारा श्वान अक्सर लोगों को पर हमला करते हैं। कई बार लापरवाही बरतने पर मरीज की मौत भी हो जाती है। इधर नगर निगम द्वारा श्वानों की नसबंदी कार्यक्रम का असर भी नहीं दिख रहा है। कई सार्वजनिक क्षेत्रों में आवारा श्वान नजर आते हैं।
 

मेडिकल कॉलेज छिंदवाड़ा के सहायक प्राध्यापक डॉ. दिनेश ठाकुर ने बताया कि रैबीज संक्रमण लार के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है तथा धीरे-धीरे मनुष्य के मस्तिष्क में पहुंच जाता है। मनुष्य श्वानों जैसी हरकतें करने लगता है, पागल हो जाता है, कोमा में जा सकता है या फिर मौत भी हो सकती है। इसलिए मरीज को तत्काल डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

लक्षण


रैबीज संक्रमण से प्रभावित मरीज आक्रमक हो जाता है तथा अजीब तरह की हरकतें करने लगता है। वहीं पानी को देखकर डरता है, शरीर विभिन्न अंगों में दर्द, बुखार, हाफना तथा लार टपकने लगती है। चिकित्सकों का मानना है कि पानी से डरने की स्थिति काफी गंभीर हो जाती है क्योंकि रैबीज संक्रमण का मस्तिष्क तक पहुंच जाना होता है।

काटने पर प्राथमिक उपचार –


1. श्वान के काटने पर तत्काल 15 मिनट तक साबुन से जख्म को धोना चाहिए।
2.. घाव पर काई भी एंटीसेप्टिक क्रीम, लोशन या दवा लगा लेना चाहिए।
3.. घाव को खुला रखे तथा डे्रसिंग नहीं करना चाहिए।
4.. 12 घंटे के भीतर डॉक्टर को दिखाना चाहिए आदि।

जिला अस्पताल में दर्ज तीन माह के आंकड़े


माह कुल इंजेक्शन कुल मरीज


अप्रैल 582 120
मई 436 90
जून 500 100
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