छिंदवाड़ा

समर्पण के बिना नहीं मिलती शांति

प्रियदर्शिनी कॉलोनी में श्रीमद् भावगत कथा

छिंदवाड़ाJan 21, 2019 / 05:12 pm

sunil lakhera

समर्पण के बिना नहीं मिलती शांति

छिंदवाड़ा. प्रियदर्शिनी कॉलोनी में चल रही श्रीमद् भावगत कथा में पं डॉ. नरेंद्र तिवारी ने रविवार को गोपी उद्धव संवाद, महारास लीला, अक्रूर संवाद, कंस वध के साथ रुक्मिणी विवाह का प्रसंग सुनाया।
उन्होंने १९ श्लोकी गीतगोपी की सुंदर व्याख्या की और कहा कि गोपियों के विरह को देखकर कृष्ण स्वयं भी आंसू नहीं रोक पाए। उन्होंने बताया कि बिना समर्पण के शांति नहीं मिलती। गोपियों के समर्पण ने ही कृष्ण को उनका दीवाना बना दिया था। भगवान ने साढ़े ग्यारह वर्ष तक गोकुल और वृंदावन में बाल लीला कर अद्भुत चरित्र किए उद्धवजी गोपियों को निर्गुण ब्रह्म का उपदेश देने ब्रज धाम पधारे, लेकिन गोपियों की भक्ति की पाठशाला में ज्ञान भूल गए। व्यक्ति जब जगत को भूलता है तब जगदीश मिलते हैं। उद्धवजी ने छह महीने ब्रज में रहकर भगवान की लीला धामों के दर्शन किए। उन्होंने कंस और जरासंध वध की कथा भी सुनाई। रुक्मिणी विवाह प्रसंग को सुनाते हुए पं. तिवारी ने कहा कि उसके भाई रुक्मी ने शिशुपाल के साथ उसका विवाह तय कर दिया। रुक्मिणी ने द्वारकाधीश से प्रार्थना की कि प्रभु मुझे इससे बचाओ मैंने आत्मा से आपका वरण कर लिया है। भक्त की लाज बचाने द्वारकाधीश ने रुक्मिणी का वरण किया। इस मौके पर आयोजन स्थल पर झांकी भी सजाई गई। श्रद्धालुओं ने आनंद के साथ भगवान का विवाह रचाया। भगवान के विवाह की खुशी में नृत्य किया।
गायत्री परिवार ने बदनूर में घर-घर कराया यज्ञ- अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के आह्वान पर जिला संयुक्त समन्वय समिति गायत्री शक्तिपीठ ने मोहखेड़ के बदनूर गांव में १५१ घरों में गायत्री महायज्ञ कराया। महायज्ञ की शुरुआत देव मंच पर स्थापित दीपक प्रज्ज्वलन कर और जन जागरण रैली निकालकर किया गया। प्रांतीय प्रतिनिधि राजेश साहू, जिला समन्वयक दिनेश देशमुख के अलावा विकासखंड के समन्वयक उपस्थित थे। सभी घरों में पौधरोपण किया गया और उसके संरक्षण का संकल्प भी लिया गया। जिला प्रभारी अरुण पराडक़र ने बताया कि सुबह नौ बजे नशा विरोधी यात्रा, वृक्ष कावड़ यात्रा, आओ गढ़े संस्कार वान पीढ़ी का संदेश देने रैली निकाली गई। इसमें छिंदवाड़ा, सौंसर, परासिया, उमरेठ, बिछुआ, खमारपानी आदि से आए गायत्री आचार्य, उपआचार्य और २०० युग पुरोहित शामिल थे। इसके बाद सभी घरो में एक समय पर यज्ञ शुरू हआ। यजमानों ने किसी भी तरह का नशा न करने का भी संकल्प लिया। यज्ञ के बाद ग्राम पंचायत भवन के सभा मंडप में कार्यकर्ता गोष्ठी हुई, जिसमें जिला प्रमुख देशमुख ने सभी को संगठित होकर कार्य का मिशन के कार्यों को करने के लिए प्रेरित किया।
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