मिली जानकारी के अनुसार पीडि़त अनिता पति द्वारका मोंगरे (32) नैनपुर की रहने वाली है, प्राथमिकता के आधार पर उसे 50 किमी दूर मंडल जिला अस्पताल में उपचार मिलना चाहिए था, लेकिन डॉक्टरों ने अनिता को सिवनी रैफर कर दिया। जहां वह एक दिन भर्ती रही तथा स्थिति बिगडऩे पर उसे मेडिकल कॉलेज छिंदवाड़ा के नाम से रैफर कर दिया गया।
दोपहर करीब 12.30 बजे गंभीर हालत में मरीज छिंदवाड़ा पहुंची तथा प्राथमिक जांच में पाया गया कि महिला के पेट में शिशु ने शौच कर लिया है। साथ ही वह खून की कमी से पीडि़त होने पर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने उन्हें उच्चस्तरीय उपचार के लिए छिंदवाड़ा से 170 किमी दूर नागपुर रैफर कर दिया।
लेट हुई एंबुलेंस तो संभाला मोर्चा –
स्टाफ नर्स स्वर्णलता यादव ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने मरीज का नागपुर रैफर दिया था। इसके लिए बिना ऑक्सीजन की जननी एक्सप्रेस उपलब्ध कराई गई तो उन्होंने उसमें मरीज को भेजने से इनकार कर दिया तथा अन्य एंबुलेंस की मांगी की, जिसमें करीब आधा घंटे का समय लग रहा था।
स्टाफ नर्स स्वर्णलता यादव ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने मरीज का नागपुर रैफर दिया था। इसके लिए बिना ऑक्सीजन की जननी एक्सप्रेस उपलब्ध कराई गई तो उन्होंने उसमें मरीज को भेजने से इनकार कर दिया तथा अन्य एंबुलेंस की मांगी की, जिसमें करीब आधा घंटे का समय लग रहा था।
इसके बाद उन्होंने मरीज को ड्रिप लगाकर डिलेवरी कराने का प्रयास किया। नर्स यादव ने बताया कि बच्चा जन्म लेने के बाद रोया नहीं तो उन्होंने सांस लाने के प्रयास किया तथा कुछ समय बाद वह रोना लगा। बताया जाता है कि करीब 3 किग्रा की फीमेल चाइल्ड और मां दोनों ही अब स्वस्थ है।