जानकारी के अनुसार अभिजीत किमया मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में डॉक्टर के तौर नियुक्त थे। उनके घर में माता-पिता हैं लेकिन वे अपनी पत्नी के साथ तांडापेठ में रहते थे। उनकी ससुराल वालों ने पत्नी के जरिए उन पर घरेलू हिंसा समेत एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था। तब से उनकी पत्नी अपने मायके में रहती थी। अभिजीत का एक बेटा भी है लेकिन अपने सुसाइड लेटर में उन्होंने लिखा है उन पर लगाए गए मुकदमों के कारण वे बहुत तनाव में रहते हैं।
तनाव के बावजूद अभिजीत ड्यूटी कर रहे थे। रात करीब 12.30 बजे वे ड्यूटी कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने स्वयं को एट्राक्यूरियम बेसीलेट नाम का इंजेक्शन लगा लिया। इसके बाद वे बेहोश हो गए। सुबह करीब 5 बजे उनके सहकर्मी डॉ. श्रेयस ढवले को वे मृतावस्था में दिखाई दिए। इसके बाद पुलिस को सूचित किया गया। मौके पर पहुंची पुलिस को अभिजीत के पास एक चिट्टी मिली। इसमें अभिजीत ने लिखा था कि ‘मेरी मौत का कारण गायकवाड़ परिवार के सदस्य सीमा गायकवाड़, विनय गायकवाड़ और लोखंडे परिवार (राहुल लोखंडे व तांबे बाई) हैं। इन लोगों ने मुझे मानसिक रूप से प्रताडि़त किया है। मैं बहुत तनाव में हूं। इससे परेशान होकर मैं आत्महत्या कर रहा हूं। मुझे हुई परेशानी के लिए इन लोगों को कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए। मुझ पर एट्रोसिटी एक्ट लगाया गया है। पिछले 4 महीनों से मुझे मेरी पत्नी और बच्चों से मिलने नहीं दिया जा रहा है।’ पुलिस ने मौके से इंजेक्शन की बोतल, खाली सिरींज और अन्य चीजें जब्त कीं। फिलहाल आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज किया गया है। जांच जारी है।