एक बार का खर्चा 10 हजार
स्वास्थ्य सेवा की बदहाल स्थिति का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। डॉक्टरों की कमी के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। मजबूरी में मरीजों को नागपुर जाना पड़ रहा है। नागपुर जाने-आने, डॉक्टर की फीस और सामान्य जांच के लिए करीब 10 हजार रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। वहीं जिला में डॉक्टर की उपलब्धता होने पर मरीज का निशुल्क इलाज हो जाता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा परेशानी
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। पदस्थापना के बाद भी यहां डॉक्टर नहीं जाते हैं। यही वजह है कि छिंदवाड़ा के 39, सिवनी के 15 और बालाघाट के 25 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डॉक्टर विहीन हैं। मरीजों को इलाज के लिए विकासखंड या जिला अस्पताल आना पड़ता है। कई मरीज तो झोलाछाप के चक्कर में फंस जाते हैं और सही उपचार न मिलने से जान पर बन आती है।
सम्पूर्ण चिकित्सा व्यवस्था हो
जिले में सम्पूर्ण चिकित्सा व्यवस्था होनी चाहिए। केवल मेडिकल कॉलेज खोलने से इलाज संभव नहीं है। विशेषज्ञ डॉक्टरों के पदों को शीघ्र भरा जाए। आम लोगों को पूरा इलाज मिले, इसकी मॉनिटरिंग की जाए।
– डॉ. कृष्णा हरजानी, समाजसेवी
जिले में रिक्त डॉक्टरों के पद की पूर्ति के लिए जिले से मांग पत्र भोपाल पहुंचाया गया है। यह नियुक्ति भोपाल पर निर्भर है। फिलहाल स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन के लिए उचित इंतजाम किए गए हैं।
– डॉ. जीसी चौरसिया, सीएमएचओ, छिंदवाड़ा