इसलिए होता है विवाद –
दरअसल इमरजेंसी एम्बुलेंस 108 के प्रोटोकॉल के तहत कोई भी हादसा होने पर मरीज को समीप के चिकित्सा केंद्र पहुंचाना होता है। इसमें नागपुर रोड पर होने वाले कई हादसे के जख्मी को जिला अस्पताल लाया जाता है, जिसमें उपचार या रास्ते में मौत होने पर प्रकरण अन्य थाना क्षेत्र या विकासखंड का होने से जिला अस्पताल के डॉक्टर कानूनी कार्रवाई से बचने के चक्कर में शव परीक्षण नहीं करते है, जिस वजह से विवाद होता है।
सख्त कार्रवाई करेंगे –
मामले में सीएमएचओ और सिविल सर्जन से चर्चा करेंगे। अगर ऐसा कोई प्रावधान या नियम नहीं है तो शव परीक्षण करने से इनकार करने वाले डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
– सौरभ कुमार सुमन, कलेक्टर छिंदवाड़ा