नहीं होती जनसुनवाई, किसान हो रहे परेशान चौरई. नगर के सरकारी दफ्तरों में मंगलवार को आयोजित होने वाली जनसुनवाई नहीं हो रही है। आधा दर्जन से ज्यादा दफ्तरों में जनसुनवाई का बोर्ड भी नहीं लगाया गया है। ऐसी परिस्थिति में छोटे-छोटे कामों और समस्याओं को लेकर परेशान रहने वाले आम लोगों को अपने
काम कराने के लिए जनसुनवाई में आवेदन लगाने के लिए जिला मुख्यालय की दौड़ लगाना पड़ रहा है। चौरई में जिला मुख्यालय से अप डाउन करने वाले अधिकारी 12 बजे के बाद तो कार्यालय पहुंच पाते हैं। इन अधिकारियों के पास जनसुनवाई के लिए समय नही होना कोई नई बात नहीं है। प्रत्येक मंगलवार को जनसुनवाई नहीं होने से लोगों को परेशानी हो रही है। पीएचईए, जलसंसाधन बांध, लोक निर्माण विभाग, नगर पालिका, पशुचिकित्सा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, जनपद पंचायत, कृषि विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, उद्यानिकी विभाग, विद्युत कम्पनी, वन विभाग इन सभी में कृषि विभाग समस्या को लेकर किसान सबसे ज्यादा परेशान रहते हैं और त्रस्त होकर जिला कलेक्टर कार्यालय या सीएम हेल्पलाइन का सहारा लेते हैं इन विभागों में शासन की मंशानुसार जनसुनवाई नहीं की जाती।
कलेक्टर, एसपी और जिले के अधिकारियों को जनसुनवाई के लिए समय है, किन्तु चौरई के अधिकारियों के पास जनसुनवाई के लिए दो घंटे का समय नहीं है।
सड़क को लेकर पिछड़ा वर्ग संघ ने सौंपा ज्ञापन
सौंसर. क्षेत्र की बदहाल सडकों को लेकर राष्ट्रीय पिछडा वर्ग संघ ने अनुविभागीय राजस्व अधिकारी एवं लोक निर्माण विभाग को ज्ञापन सौंपा। संघ ने बताया कि क्षेत्र की सड़के खराब हो चुकी है। राजना से बजाज सडक़ मार्ग खराब है। आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। सड़कों पर धूल का अंबार होने से दिक्कत होने लगी है। राजना से पांढुरना मार्ग पर घोगरा से जाखीवाड़ा जाने वाली कच्ची सड़क अत्याधिक खराब होने की बात कही। जिससे किसानों के खेतों में फसलों की आवजाही करने में दिक्कतों का सामना करना होता है। बानाबाकोड़ा से गांगतवाड़ा-चिरकुटागोंदी मार्ग भी लम्बे समय से जर्जर हो चुका है। रामूढाना जाने वाले मार्ग के लिए आज तक सड़क मार्ग नहीं है। राष्ट्रीय पिछडा वर्ग संघ के प्रदेश महामंत्री सोपान कोहले समेत अन्य उपस्थित रहे।