scriptजांच के दौरान उपस्थित रहा गबन का आरोपी, क्या बोला आप भी जानें | During the investigation, the accused of embezzlement was present | Patrika News

जांच के दौरान उपस्थित रहा गबन का आरोपी, क्या बोला आप भी जानें

locationछिंदवाड़ाPublished: Feb 19, 2020 12:45:53 pm

Submitted by:

Rajendra Sharma

किसानों के खाते से राशि निकालने का मामला

District Co-operative Central Bank

District Co-operative Central Bank

पांढुर्ना/ किसानों के बचत खातों से राशि निकाले जाने के मामले में महाप्रबंधक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक छिंदवाड़ा ने एक मैनेजर सहित दो सोसायटी प्रबंधकों का दल गठित कर जांच करने के आदेश जारी किए थे।
मंगलवार को प्राथमिक कृषि साख सहकारी मोरडोंगरी में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक सिवनी के मैनेजर के साथ प्रबंधक सुरेश रिठे और हाफिज शेख पहुंचे। मैनेजर श्रीकांत जैसवाल ने बताया कि मार्च 2016 की वास्तवित बुक बैलेंस को आधार बनाकर जांच की शुरुआत की है। यदि उस समय का बैलेंस वास्तविक नहीं पाया जाता है तो इससे पहले के बैलेंस को आधार बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि लगभग चार साल पहले धनराज दुखी ने सोसायटी में काम संभाला था। पूरे मामले की जांच करने में लंबा वक्त लग सकता है। दल के जांच शुरू करने से किसानों ने राहत की सांस ली है। हालांकि उन्हें अब इस बात की जल्दी है कि उनके खातों में राशि बराबर है या नहीं। इस दौरान सोसायटी के प्रबंधक जीके भादे उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि गेहूं उपार्जन के पंजीयन के साथ ही कई प्रकार के काम देखने पड़ते हैं। इस वजह से सोसायटी के कैश काउंटर पर ध्यान नहीं दे पाते। फिर किसी खातेधारक द्वारा लिपिक की कोई शिकायत नहीं करने से हमें उस पर शक भी नहीं हुआ था।
जांच के शुरू होते ही आरोपी धनराज दुखी सोसायटी पहुंच गया था। अपनी गलती मानने की बजाय वह सवाल कर रहा था। उसने बताया कि वह कभी फरार नहीं हुआ था बल्कि शिर्डी गया था। उसका मोबाइल घर पर रखा हुआ था। इसलिए वह किसी से बात नहीं कर रहा था। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते से आरोप लगने के बाद धनराज का पता नहीं था।

किसान ने घोटाले को सामने लाया
किसान प्रेमलाल धारपुरे ने घोटाले को सामने लाया है। प्रेमलाल की बेटी का विवाह तय हुआ है, रुपए के लिए किसान जब सोसायटी में गया तो उनके खाते में एक लाख बीस हजार रुपए के बजाय 70 हजार रुपए होने की जानकारी दी गई। कम राशि होने पर उन्होंने अपनी पासबुक में दर्ज एक लाख बीस हजार रुपए की जमा रकम की जानकारी प्रबंधक को दी। इस बात का खुलासा होते ही लिपिक धनराज दुखी सोसायटी से बहाना बनाकर गायब हो गया। जब सोसायटी ने अन्य किसानों के बारे में भी जानकारी जुटाई तो पता चला कि लिपिक ने किसानों से प्राप्त होने वाली राशि की पास बुक में तो बराबर एंट्री की, परंतु सोसायटी के लेजर में कम राशि दर्ज कर हेराफेरी कर दी है।
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