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पानी के लिए स्वतंत्र हैं नगरीय निकाय

locationछिंदवाड़ाPublished: Apr 10, 2019 05:59:22 pm

जलसंकट को लेकर चुनाव आयोग का विशेष आदेश प्राप्त हुआ है जिसमें भीषण गर्मी में पेयजल संकट को गंभीरता से लेकर आयोग ने व्यवस्था करने के लिए स्थानीय निकायों को स्वतंत्र कर दिया है।

Water level of rapidly decreasing cancellation reservoir

Water level of rapidly decreasing cancellation reservoir

पांढुर्ना. जलसंकट को लेकर चुनाव आयोग का विशेष आदेश प्राप्त हुआ है जिसमें भीषण गर्मी में पेयजल संकट को गंभीरता से लेकर आयोग ने व्यवस्था करने के लिए स्थानीय निकायों को स्वतंत्र कर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार इस आदेष के प्राप्त होते ही नगर पालिका ने मंगलवार को तेजी से काम शुरू कर दिया । एसडीएम दीपक कुमार वैद्य और सीएमओ नवनीत पांडे ने जुनेवानी जलाशय, मोरडोंगरी जलाशय, मोही जलाशय, का निरीक्षण कर आगामी समय में पानी की कमी को पूरा करने की रणनीति पर चर्चा की। मोरडोंगरी जलाषय पर डब्ल्यूआरडी विभाग के अधिकारियों ने भी प्रशासन के साथ चर्चा की। सीएमओ नवनीत पांडे ने बताया कि मोरडोंगरी जलाशय, से पाइपलाइन के माध्यम से पानी लाने के लिए एक करोड़ 68 लाख रुपए प्राप्त हुए है। 23 प्रतिशत अबाउ में ठेका लिया गया है जिससे यह काम लगभग 2 करोड़ 10 लाख रुपए तक होगा। निर्माण एजेंसी ने इस काम के लिए एक माह का समय मांगा है। इस बीच सवाल यह पैदा हो गया है कि एक माह बाद मोरडोंगरी जलाशय में पानी की क्या स्थिति रहेगी ? क्या इतना रूपया खर्च कर पाइपलाइन बिछाने के बाद मोरडोंगरी जलाशय, से पर्याप्त पानी मिल सकेगा भी या नहीं? इस सवाल के जवाब को डल्यूआरडी विभाग को सर्वे करने के लिए कहा गया है। इनकी रिपोर्ट के बाद ही यह तय होगा कि मोरडोंगरी से पाइपलाइन बिछाई जाएं या नहीं।

परिवहन ही बनेगा आधार
यदि डब्ल्यूआरडी के अधिकारियों की मोरडोंगरी जलाशय से पानी लाने को लेकर रिपोर्ट निगेटीव आती है तो नगर को लगभग डेढ़ माह पानी पिलाने की पूरी जिम्मेदारी परिवहन पर आ जाएंगी। टैंकरों से पानी लाकर पानी पीलाना होगा। इस दौरान पानी सप्लाई करने वाले एजेंसी का नपा द्वारा पुराना बिल नहीं चुकाया गया है जो आगे मुसीबत भी बन सकती है।
आयोग ने कहा अलग से अनुमति न मांगे
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने आदेश देकर सभी मतदान केन्द्रों पर पानी की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए कहा है। सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सभी आवश्यक कार्य कराएं जाये। इसके लिए आदर्श आचार संहिता में अनुमति अलग से मांगने की आवश्यकता नहीं है।

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