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Education: कॉलेज में छात्राओं के सामने गांधी दर्शन पर बोले बुद्धजीवी, हर शब्द कर गई प्रेरित

locationछिंदवाड़ाPublished: Nov 13, 2019 11:53:33 am

Submitted by:

ashish mishra

वैचारिक क्रांति के मसीहा भी थे।

Education: कॉलेज में छात्राओं के सामने गांधी दर्शन पर बोले बुद्धजीवी, हर शब्द कर गई प्रेरित

Education: कॉलेज में छात्राओं के सामने गांधी दर्शन पर बोले बुद्धजीवी, हर शब्द कर गई प्रेरित

छिंदवाड़ा. महात्मा गांधी न केवल एक राजनीतिज्ञ थे, बल्कि प्रखर दार्शनिक, उत्कृष्ट समाजशास्त्री, वैश्विक चिंतक, गहन आध्यात्मवेत्ता और वैचारिक क्रांति के मसीहा भी थे। विश्व में गांधी दर्शन की प्रासंगिकता आज भी उतनी ही शिद्दत से महसूस की जा रही है जितनी कि बीसवीं शताब्दी में की जाती थी। उपनिवेशवादी शक्तियों द्वारा गांधी के विचारों और कार्यों को कुचलने का भरसक प्रयास किया गया पर सैद्धान्तिक और नैतिक बल की शक्ति के कारण उनका नाम इतिहास में हमेशा स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज रहेगा। उक्ताशय के विचार मंगलवार को राजमाता सिंधिया गल्र्स कॉलेज में ‘वर्तमान परिवेश में गांधी दर्शन की प्रासंगिकता’ विषय पर आयोजित व्याख्यानमाला में विशिष्ट वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए प्रो. विजय कलमधार ने व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ. कामना वर्मा ने कहा कि गांधी का वैचारिक और आध्यात्मिक दर्शन हमारी विरासत है, जिसे नई पीढ़ी तक पहुचाने की नितांत आवश्यकता है। प्रो. बिंदिया महोबिया ने गांधी जी के दस नैतिक सिद्धान्तों की विशद व्याख्या पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से की। डॉ. वीपी सिंह ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि गांधी जी के सत्य, अहिंसा, ब्रम्हचर्य, अस्तेय और अपरिग्रह के सिद्धांत भारतीय परंपरा के मानक मार्गदर्शक सिद्धांत हैं, जो नकारे नहीं जा सकते। कार्यक्रम का संचालन करते हुए व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ के संयोजक प्रो. सीताराम शर्मा ने कहा कि गांधी दर्शन हमारी प्राचीन सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न अंग है, अतएव इसे भारतीय अस्मिता से कभी जुदा नहीं किया जा सकता। कार्यक्रम में डॉ. मिथिलेश अग्निहोत्री, डॉ. छविनम श्रीवास्तव, शोभाराम जम्होरे, प्रियंका पाठक, नीता वर्मा सहित बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रही।

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