जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद चौरगड़े द्वारा विभिन्न स्कूलों का निरीक्षण भी किया गया तथा पालक-विद्यार्थियों से चर्चा भी की गई। डीइओ चौरगड़े ने पालकों को समझाइश दी कि बच्चों पर अनावश्यक दबाव, तनाव या स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली चीजें नहीं खिलाएं। साथ ही बताया कि पालक घर तो शिक्षक विद्यालय व्यवस्था संभाल लेंगे। इस अवसर पर प्राचार्य आइएम भीमनवार, लक्षमण तुरनकर, एडीपीसी राजीव साठे सहित अन्य प्रमुखता से मौजूद थे।
पालकों में दिखी रूचि कम – शासकीय स्कूलों में बच्चों का शैक्षणिक स्तर, स्कूल के अकादमिक मुद्दें सहित बिंदुओं की जानकारी अभिभावकों को उपलब्ध कराना है, जिसके उद्देश्य से शासन ने उक्त कार्यक्रम आयोजित किया था। इसके अलावा विद्यार्थियों की त्रैमासिक तथा अद्र्धवार्षिक परीक्षा के परिणामों की समीक्षा भी किया जाना था, जिससे पालक उनके बच्चों का शैक्षणिक स्तर समझ कर आवश्यक सुधार कर सकते थे। इसके बावजूद अधिकांश स्कूलों में अभिभावक स्कूल नहीं पहुंचे।
लगाई जाएगी अतिरिक्त कक्षाएं – विद्यार्थियों की दक्षता उन्नयन के लिए संबंधित विषय के शिक्षकों द्वारा अतिरिक्त कक्षाएं लगाई जाएगी। जहां संबंधित विषय में कमजोर विद्यार्थी अपनी समस्याओं का निराकरण करवा सकता है। पालक-शिक्षकों की बैठक में कमजोर बच्चों की विषयवार सूची भी तैयार की गई है।