(डीपीआइ) नहीं भेज रहा है, जिसकी वजह से कई हितग्राही अध्यापकों को शासन के निर्णय का लाभ नहीं मिल पा रहा है। बताया जाता है कि शिक्षा विभाग में संविलियन होने के बाद विभिन्न संवर्गों का प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक तथा उच्चश्रेणी शिक्षक में संविलियन हो जाता है। हालांकि विभागीय अधिकारी संविलियन प्रक्रिया में देरी की वजह कुछ और ही बता रहा है। मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में जनजातीय कार्य विभाग तथा स्कूल शिक्षा विभाग के करीब 100 प्रकरण प्राचार्यों की टीम द्वारा सत्यापित किए जा चुके है।
बताया जाता है कि उनमें से कुछ प्रकरण स्थानांतरण होकर जिले में आए अध्यापकों के भी शामिल किए गए है, जिन्हें शिक्षा विभाग में संविलियन किया जाना है। ऑनलाइन की जाती है फाइल फॉरवर्ड – जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार संविलियन मामलों की फाइलें डीपीआइ को ऑनलाइन फॉरवर्ड की जाती है, लेकिन किन्हीं कारणों से प्रकरण भेजे नहीं जा सके है। हालांकि दस्तावेज सत्यापन में कुछ कमियां आना वजह बताया जाता है।
गायब हुई सूची – जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर गठित हुई प्राचार्यों की टीम द्वारा जिले के अध्यापक संवर्गों की सूची तैयार की गई थी। लेकिन संबंधित विभाग के लेखापाल के निलंबित होने से सूची उपलब्ध नहीं हो पा रही है। इसकी वजह से भी लंबित प्रकरणों पर कार्रवाई करने में देरी होना बताया जाता है।
शीघ्र किया जाएगा निराकरण –
संविलियन मामले की कुछ फाइलें जमा हुई है, जिन्हें ऑनलाइन फॉरवर्ड किया जाना था। लेकिन कुछ वजह से प्रकरण लंबित हुए है। हालांकि शीघ्र ही समय निकालकर समाधान किया जाएगा।
संविलियन मामले की कुछ फाइलें जमा हुई है, जिन्हें ऑनलाइन फॉरवर्ड किया जाना था। लेकिन कुछ वजह से प्रकरण लंबित हुए है। हालांकि शीघ्र ही समय निकालकर समाधान किया जाएगा।
– अरविंद्र चौरगड़े, जिला शिक्षा अधिकारी