अब तक नहीं मिला ए ग्रेड
जिले में किसी भी कॉलेज को अब तक न ही ए और न ही ए प्लस ग्रेड मिला है। जबकि पीजी कॉलेज की पूरी टीम इस बार ए ग्रेड पाने के लिए दिन-रात तैयारियों में जुटी हुई है। वहीं उच्च शिक्षा विभाग में समय-समय पर मार्गदर्शन दे रहा है। बीते 8 मई को भोपाल से गठित तीन सदस्यीय टीम ने पीजी कॉलेज में मॉक ड्रिल किया था और कुछ कमियां बताई थी। उस कमी को सुधारने के लिए पीजी कॉलेज प्राचार्य ने टीम बनाई थी। मंगलवार देर रात तक कॉलेज प्रबंधन तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगा रहा। बता दें कि मूल्यांकन के आधार पर नैक टीम की ओर से कॉलेज को ग्रेडिंग दी जाती है, जैसे बी, बी प्लस, सी, सी प्लस, अधिकतम ए, ए प्लस तक ग्रेडिंग दी जाती है। ग्रेडिंग के हिसाब से कॉलेज को करोड़ों रुपए का अनुदान मिलता है। जिससे छात्रहित में विकास कार्य व अन्य गतिविधियां कराए जाते हैं।
जिले में किसी भी कॉलेज को अब तक न ही ए और न ही ए प्लस ग्रेड मिला है। जबकि पीजी कॉलेज की पूरी टीम इस बार ए ग्रेड पाने के लिए दिन-रात तैयारियों में जुटी हुई है। वहीं उच्च शिक्षा विभाग में समय-समय पर मार्गदर्शन दे रहा है। बीते 8 मई को भोपाल से गठित तीन सदस्यीय टीम ने पीजी कॉलेज में मॉक ड्रिल किया था और कुछ कमियां बताई थी। उस कमी को सुधारने के लिए पीजी कॉलेज प्राचार्य ने टीम बनाई थी। मंगलवार देर रात तक कॉलेज प्रबंधन तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगा रहा। बता दें कि मूल्यांकन के आधार पर नैक टीम की ओर से कॉलेज को ग्रेडिंग दी जाती है, जैसे बी, बी प्लस, सी, सी प्लस, अधिकतम ए, ए प्लस तक ग्रेडिंग दी जाती है। ग्रेडिंग के हिसाब से कॉलेज को करोड़ों रुपए का अनुदान मिलता है। जिससे छात्रहित में विकास कार्य व अन्य गतिविधियां कराए जाते हैं।
बेहतर ग्रेड मिलने की उम्मीद
नैक ने इस बार नियमों में कई बदलाव कर दिए हैं। जिससे उम्मीद है कि पीजी कॉलेज को इस बार बेहतर ग्रेड मिल सकता है। नैक की नई गाइडलाइन में कॉलेजों के लिए कई ऐसी अनिवार्यता खत्म कर दी गई हैं, जो बेहतर ग्रेड पाने में बड़ी बाधा बनती थी।
नैक ने इस बार नियमों में कई बदलाव कर दिए हैं। जिससे उम्मीद है कि पीजी कॉलेज को इस बार बेहतर ग्रेड मिल सकता है। नैक की नई गाइडलाइन में कॉलेजों के लिए कई ऐसी अनिवार्यता खत्म कर दी गई हैं, जो बेहतर ग्रेड पाने में बड़ी बाधा बनती थी।
दो बिन्दु पर उठ सकता है सवाल
पीजी कॉलेज के पास अत्याधुनिक लाइब्रेरी भवन है, लेकिन उसमें विश्वविद्यालय का प्रशासनिक कार्य संचालित हो रहा है। वहीं कॉलेज का कवर्ड कैम्पस नहीं है। यह दोनों बड़े बिन्दु हैं जिस पर नैक टीम सवाल उठा सकती है। हालांकि कॉलेज ने इसके लिए काफी प्रयास किए थे, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई।
पीजी कॉलेज के पास अत्याधुनिक लाइब्रेरी भवन है, लेकिन उसमें विश्वविद्यालय का प्रशासनिक कार्य संचालित हो रहा है। वहीं कॉलेज का कवर्ड कैम्पस नहीं है। यह दोनों बड़े बिन्दु हैं जिस पर नैक टीम सवाल उठा सकती है। हालांकि कॉलेज ने इसके लिए काफी प्रयास किए थे, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई।
इनका कहना है..
तीन सदस्यीय नैक टीम गुरुवार शाम को छिंदवाड़ा पहुंच जाएगी। इसके बाद 13 एवं 14 मई को कॉलेज का निरीक्षण करेगी। सभी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है।
डॉ. अमिताभ पांडे, प्राचार्य, पीजी कॉलेज