स्वरूप का होना है निर्धारण
बताया जाता है कि उच्च शिक्षा विभाग स्तर पर नई शिक्षा नीति-2020 के प्रावधान अनुसार छात्रों को जिन विषयों का चयन करवाया गया उनके लिए परीक्षा का स्वरूप निर्धारण होना है। जैसे प्रश्नपत्र, मूल्यांकन और परिणाम के बाद अंकसूचियां बनाना। ये काम संजीदगी से करना होगा, क्योंकि इसी आधार पर भविष्य तय होगा।
प्रशिक्षण अभी तक जारी
उच्च शिक्षा विभाग ने स्नातक प्रथम वर्ष में नई शिक्षा नीति-2020 को लागू किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि पूर्व तैयारी नहीं की गई। आपाधापी में छात्रों को व्यावसायिक कोर्स दिलवा दिए गए। बमुश्किल पाठ्यक्रम बना, लेकिन उसके हिसाब से किताब नहीं थी। उन विषयों को पढ़ाने वाले प्राध्यापक नहीं थे। तय किया गया कि मौजूदा प्राध्यापकों को प्रशिक्षित किया जाए। इसके लिए भोपाल में नरोन्हा प्रशासन अकादमी में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ऐसे में छात्रों का पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो हुआ है।
उच्च शिक्षा विभाग ने स्नातक प्रथम वर्ष में नई शिक्षा नीति-2020 को लागू किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि पूर्व तैयारी नहीं की गई। आपाधापी में छात्रों को व्यावसायिक कोर्स दिलवा दिए गए। बमुश्किल पाठ्यक्रम बना, लेकिन उसके हिसाब से किताब नहीं थी। उन विषयों को पढ़ाने वाले प्राध्यापक नहीं थे। तय किया गया कि मौजूदा प्राध्यापकों को प्रशिक्षित किया जाए। इसके लिए भोपाल में नरोन्हा प्रशासन अकादमी में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ऐसे में छात्रों का पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो हुआ है।
इनका कहना है....
स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षा के आयोजन कराने में कोई पेंच नहीं है। अप्रैल के दूसरे सप्ताह से परीक्षा कराने की तैयारी पूरी हो चुकी है। जल्द ही टाइम टेबल जारी किया जाएगा। अगर किसी को कोई असमंजस है तो वह विश्वविद्यालय से संपर्क कर सकता है।
प्रो. एमके श्रीवास्तव, कुलपति
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स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षा के आयोजन कराने में कोई पेंच नहीं है। अप्रैल के दूसरे सप्ताह से परीक्षा कराने की तैयारी पूरी हो चुकी है। जल्द ही टाइम टेबल जारी किया जाएगा। अगर किसी को कोई असमंजस है तो वह विश्वविद्यालय से संपर्क कर सकता है।
प्रो. एमके श्रीवास्तव, कुलपति
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