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पाक मुए-मुबारक के दीदार को उमड़ी भीड़

locationछिंदवाड़ाPublished: Nov 11, 2019 05:18:14 pm

जिले सहित कोयलांचल में रविवार को इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मो. पैगम्बर का जन्मदिन ईद मिलादुन्नबी पूरे शहर में बड़ी शानो शौकत के साथ मनाया गया।

eid miladunnbi

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छिंदवाड़ा/ परासिया. जिले सहित कोयलांचल में रविवार को इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मो. पैगम्बर का जन्मदिन ईद मिलादुन्नबी पूरे शहर में बड़ी शानो शौकत के साथ मनाया गया। क्षेत्र की मस्जिदों में पेश इमाम द्वारा परचम कुशाई की गई, नाते पढ़ी गई लंगर तकसीम किया गया। इस बार धारा 144 के कारण जुलूस पर प्रतिबंध रहा। ईद मिलादुन्नबी के पर्व में पूरे शहर को तौरन, झंडे, बैनरों, स्वागत द्वार से सजाया गया था। बडक़ुही में जामा मस्जिद में पहुंचने वाले हर शख्स को तवुर्रुफ तकसीम किया गया। इकलेहरा बस स्टैंड, न्यूटन में मिष्ठान वितरण किया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए : अंजुमन कमेटी चांदामेटा द्वारा ईद मिलादुन्नबी पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गये है। बुधवार को सुबह पैदल रैली निकाली गई जिसमें बडी संख्या में मुस्लिम बंधुओं ने भाग लिया। शाम 7 बजे पंकज स्टेडियम में इस्लामिक सवालो के जवाब, नाअत ख्वानी, कुरा, तात्कालिक प्रश्न भी पूछे गए जिसमें प्रतिभागियों को तुरंत इनाम दिए गये। कार्यक्रम के अंत
में लंगर तकसीम किया गया।
क्या है पाक मुए-मुबारक

वर्ष 2006 में बरकुही में मुए मुबारक लाया गया था। हजरत मोहम्मद पैगम्बर साहब ने आखिरी हज के दौरान अपने सिर के बाल को मुड़वाया। यही मुए मुबारक कहलाते है। जिसे मुस्लिम जमात के लोग बड़ा मुबारक समझते है जिसे देखना इबादत है। इसलिए पूरे जिले के लोग मुए मुबारक के दीदार के लिए उमड़ पड़ते है। इस्लामी हदीश के हिसाब से पैगम्बर मोहम्मद साहब के जिस्म का कोई अंग कभी नष्ट नहीं हो सकता। जैसे अपने जीवन काल में अंग बढ़ते है इसी प्रकार से पाक मुए मुबारक भी धीरे-धीरे बढ़ते है। मुए मुबारक की विशेषता है कि इसका साया, परछाई नहीं होती। जामा मस्जिद में अब्दुल कादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह बगदाद इराक के मुए मुबारक के भी अकीदत मंदों को दीदार कराए गए। इस मौके पर बडक़ुही जामा मस्जिद सरपस्त कमेटी ने व्यवस्था कर मुए मुबारक के दीदार कराया।
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