अभी भी इस्तेमाल हो रहे हैं स्मार्ट मीटर
बिजली कंपनी के अधिकारियों के अनुसार पहले से ही शहर के 10 किलोवाट से 25 किलोवाट तक के मीटरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। शहर में करीब पांच सौ स्मार्ट मीटर लगे हुए हैं, जिन्हें कंट्रोल रूम से ही ऑपरेट किया जा सकता है। इनकी रीङ्क्षडग कंट्रोल रूम में रखे हुए कंप्यूटरों में दर्ज हो जाती है और एक माह होते ही अगले दिन बिल भी जनरेट हो जाता है। बाद में ही बिङ्क्षलग होने के कारण फिलहाल कनेक्शन कटने के मामले नहीं आ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो स्मार्ट मीटरों को बाद में प्रीपेड मीटरों के रूप में बदला जा सकता है।
बिजली कंपनी के अधिकारियों के अनुसार पहले से ही शहर के 10 किलोवाट से 25 किलोवाट तक के मीटरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। शहर में करीब पांच सौ स्मार्ट मीटर लगे हुए हैं, जिन्हें कंट्रोल रूम से ही ऑपरेट किया जा सकता है। इनकी रीङ्क्षडग कंट्रोल रूम में रखे हुए कंप्यूटरों में दर्ज हो जाती है और एक माह होते ही अगले दिन बिल भी जनरेट हो जाता है। बाद में ही बिङ्क्षलग होने के कारण फिलहाल कनेक्शन कटने के मामले नहीं आ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो स्मार्ट मीटरों को बाद में प्रीपेड मीटरों के रूप में बदला जा सकता है।
इनका कहना है
क्यू आर कोड को स्कैन करते ही दर्ज समस्त जानकारी लोकेशन सहित दिख जाएगी। प्रीपेड मीटर तकनीक में इससे एक कदम आगे ही है। केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार शहरी क्षेत्रों में दिसंबर 2023 तक प्रीपेड मीटर लगाए जाने के निर्देश हैं।
खुशियाल शिववंशी, कार्यपालन अभियंता शहर सम्भाग
क्यू आर कोड को स्कैन करते ही दर्ज समस्त जानकारी लोकेशन सहित दिख जाएगी। प्रीपेड मीटर तकनीक में इससे एक कदम आगे ही है। केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार शहरी क्षेत्रों में दिसंबर 2023 तक प्रीपेड मीटर लगाए जाने के निर्देश हैं।
खुशियाल शिववंशी, कार्यपालन अभियंता शहर सम्भाग