scriptधोखा दे सकती है बिजली… | Electricity can deceive during monsoon | Patrika News
छिंदवाड़ा

धोखा दे सकती है बिजली…

छह माह से ज्यादा समय से मेंटेनेंस की नहीं मिली अनुमति : जून से व्यवधान आने की आशंका

छिंदवाड़ाMay 08, 2019 / 10:57 am

prabha shankar

150 families waiting for electricity

150 families waiting for electricity

छिंदवाड़ा. बिजली लाइन और ट्रांसफार्मर में मेंटेनेंस नहीं होने से मानसून के समय बिजली कभी भी धोखा दे सकती है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के मैदानी अधिकारी-कर्मचारी इसे दबी जुबान से स्वीकार कर रहे हैं। दरअसल, उन्हें छह माह से अधिक समय से विधिवत मेंटेनेंस की अनुमति नहीं मिल सकी है। अस्थाई व्यवस्था से काम चलाए जाने के कारण जून से ये व्यवधान आने का डर सता रहा है।
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के कर्मचारियों के मुताबिक पिछले साल 2018 में विधानसभा चुनाव के समय राजनीतिक कारण से बिजली लाइन के मेंटेनेंस की अनुमति नहीं दी गई थी। इसके बाद नई सरकार के पदारूढ़ होने के बाद फिर से लोकसभा चुनाव सिर पर आ गए। इससे फिर अप्रैल में होने वाला मेंटेनेंस टल गया।
जैसे-तैसे मई की शुरुआत में मेंटेनेंस की तैयारी स्थानीय स्तर पर की गई थी, लेकिन फिर उच्च स्तर से प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दो चरण शेष रहने पर मामला 23 मई तक चुनाव परिणाम आने तक अटक गया है।
इसके आठ दिन बाद जून शुरू हो जाएगा और मानसूनी गतिविधियां सक्रिय हो जाएंगी। आंधी-तूफान और बारिश के चलते लाइन का मेंटेनेंस नहीं हो सकेगा। इसके अभाव में जब बारिश होगी तो ब्लैक आउट का लम्बा समय शहर और ग्रामीण इलाकों को भुगतना होगा। तब मैदानी बिजली कम्पनी के स्तर के कर्मचारियों को सबसे ज्यादा जन दबाव झेलना होगा।
ट्रांसफार्मर व तार गर्म होने से लाइन लॉस ज्यादा : गर्मी बढऩे के साथ ही जिले में लाइन लॉस बढऩे लगा है। वितरण कंपनी आम तौर पर सामान्य दिनों में 20 प्रतिशत लाइन लॉस मानती रही है। गर्मी में यह एक से डेढ़ प्रतिशत बढ़ जाता है। लाइन लॉस के चलते कम्पनी को राजस्व के नुकसान उठाना पड़ता है। लाइन लॉस का कारण तार, ट्रांसफार्मर का फ्यूल समेत अन्य उपकरणों का गर्म होना है तो वहीं बिजली चोरी भी बड़ा कारण है। कम्पनी के अधिकारी भी इसे स्वीकार कर रहे हैं।

आग उगलती गर्मी से खपत पहुंची 45 लाख यूनिट
मई की आग उगलती गर्मी से जिले की बिजली की खपत 45 लाख यूनिट प्रतिदिन तक पहुंच गई है। वितरण कम्पनी संभागीय अभियंता कार्यालय के मुताबिक पिछले साल 2018 में खपत का औसत 38 लाख यूनिट था। इस बार तापमान का पारा मई की शुरूआत में ही 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाने से लोग कूलर और एयर कंडीशनर का सहारा लेने मजबूर हो गए। इससे बिजली खपत में वृद्धि हो गई। यह सिलसिला बारिश होने तक जारी रहने की संभावना है।

पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी अभी जरूरत के मुताबिक सुधार कार्य करा रही है। मेंटेनेंस के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश का इंतजार हैं।
वायके सिंघई, संभागीय अभियंता

Home / Chhindwara / धोखा दे सकती है बिजली…

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो