आमदनी पर कुठाराघात
बिजली कम्पनी मीटर वाचकों को मीटर रीडिंग करके बिजली कम्पनी तक भेजने के लिए 4.50 रुपए और बिलों के वितरण का प्रति उपभोक्ता दो रुपए भुगतान करती है। सिर्फ छिंदवाड़ा सिटी डिविजन में 67 हजार उपभोक्ताओं पर करीब सवा लाख रुपए हर माह बिल के वितरण पर खर्च होता है। पेपर लेस करने के बाद बिजली कम्पनी की हर वर्ष 15 लाख रुपए की अतिरिक्त बचत होगी।
पीडीएफ फॉर्मेट में भेजेंगे बिल
नौ फरवरी को जबलपुर के शक्ति भवन में आयोजित एक बैठक में प्रदेश ऊर्जा सचिव संजय दुबे ने पेपरलेस बिल करने के संकेत दे दिए थे। उन्होंने समीक्षा करते हुए उपभोक्ताओं को एसएमएस, वाट्सऐप व इ-मेल के माध्यम से बिजली बिल वितरण की तैयारी करने के लिए भी कहा है। यह बिल विस्तृत जानकारी के साथ पीडीएफ फॉर्मेट में होगा।
बिजली कम्पनी अपने कर्मचारियों का काम भी मीटर वाचकों से ले रही है। उनसे रीडिंग के साथ मोबाइल नम्बर भी लिखवाया जा रहा है ताकि प्रत्येक उपभोक्ता के मोबाइल पर बिल भेज सकें। यानी मीटर वाचकों को बाहर करने की योजना है। भविष्य में प्रीपेड मीटर के बाद मीटर वाचक वैसे ही बेरोजगार हो जाएंगे।
किरण कुमार वंशगोतिया, प्रदेश अध्यक्ष मीटर वाचक संघ
बिजली बिलों में शहर के दो हजार उपभोक्ताओं के मोबाइल नम्बर दर्ज नहीं थे। इसी वजह से उपभोक्ताओं के मोबाइल नम्बर मीटर रीडिंग ऐप में ही दर्ज करने के लिए कहा गया है। पेपरलेस के लिए अभी कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। कम्पनी के जैसे निर्देश होंगे उसी अनुसार कार्य किया जाएगा।
खुशियाल शिववंशी, कार्यपालन अभियंता शहर सम्भाग