मप्र स्वास्थ्य संचालनालय ने उक्त घटनाओं में मरीजों को उचित सेवाएं मिले, जिसकी व्यवस्था बनाने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा सिविल सर्जन को दिए थे। इसके बावजूद विभागीय निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। दरअसल मानव अधिकार आयोग की अनुशंसा के आधार पर शासन ने एम्बुलेंस स्टाफ को निर्देशित किया है कि कभी भी गम्भीर घायल व्यक्ति को लेकर पहुंचने से पहले सम्बंधित चिकित्सालय को सूचना दी जाए ताकि समय पर विशेषज्ञ डॉक्टर समेत अन्य अमला तैयार रहे तथा तत्काल मरीज को उचित उपचार दिया जा सके।
उल्लेखनीय है कि एम्बुलेंस द्वारा इमरजेंसी प्रकरण अस्पताल आने पर भी न तो मौके पर स्ट्रेचर मिलता है और न ही वार्ड ब्वॉय। पर्ची बनवाने के लिए भी पृथक व्यवस्था तो की गई, लेकिन पर्याप्त कर्मचारी न होने से दिक्कत बनी हुई है।
शासन ने नहीं बनाई व्यवस्था
मप्र एनएचएम की समिति की बैठक हो गई है, लेकिन अब तक व्यवस्था शासन ने नहीं बनाई है। जिला प्रबंधक प्रभजोत सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण के साथ-साथ स्टाफ भी चिह्नित कर लिया गया है। विशेष टेलीफोन नम्बर उपलब्ध होना ही शेष है।