साथ ही बताया कि विभाग ने एक्सचेंज के नाम पर रक्तदाताओं से ब्लड तो लिया, लेकिन इमरजेंसी होने पर भी ब्लड नहीं दिया जा रहा है। दरअसल मरीज को ब्लड देने से पहले एचआइवी, हेपेटाइटिस, वीडीआरएल तथा एचबीएसएजी नामक चार जांच होना अनिवार्य होता है। इन जांचों की किट खत्म होने से जांच नहीं हो सकी, इसलिए ट्रांसफ्यूजन बंद कर दिया गया। इसके अलावा हार्ट, किडनी समेत अन्य जांच के लिए उपयोगी ‘सीबीसी’ परीक्षण भी बंद हो गया।
आरकेएस निधि से की गई खरीदी
इधर स्थिति बिगडऩे पर रोगी कल्याण समिति के फंड से प्रबंधन द्वारा लोकल खरीदी की गई। इसके लिए आनन-फानन में पंाच हजार रुपए की राशि स्वीकृत की गई तथा शाम करीब सात बजे किट उपलब्ध होने के बाद व्यवस्था बहाल हुई। उल्लेखनीय है कि ब्लड बैंक में आए दिन यह समस्या बनती है। प्रबंधन बजट और कार्पोरेशन से सामग्री उपलब्ध नहीं होने की व्यथा बता रहा है।
मुख्यमंत्री के पिता की स्मृति में हुआ था उन्नयन
मुख्यमंत्री कमलनाथ के पिता स्वर्गीय महेंद्रनाथ की स्मृति में 10 मार्च 2011 को ब्लड बैंक का उन्नयन किया गया। शिलान्यास भी भारत शासन अंतर्गत शहरी विकास विभाग केंद्रीय मंत्री रहते कमलनाथ ने किया था।
भेजी गई है डिमांड
इमरजेंसी के लिए रोगी कल्याण समिति के फंड से व्यवस्था बनाई गई है। कार्पोरेशन को डिमांड भेजा गया, लेकिन समय पर सामग्री उपलब्ध नहीं होने से स्थिति बिगड़ी है। मेडिकल डॉक्टरों द्वारा अधिक संख्या में जांच लिखने की वजह से क्षमता से अधिक दबाव बना हुआ है तथा शासन बजट भी उपलब्ध नहीं करा रहा है।
डॉ. सुशील राठी, सिविल सर्जन