शहर के सभी प्रमुख चौक और चौराहों पर पुलिस बल तैनात किया जा रहा, ताकी बेवजह कोई भी घर से न निकलें। जरूरी सेवाओं को छोड़कर सबकुछ बंद होता है, इस बात की जानकारी हर व्यक्ति को होती है, इसके बाद भी कई लोग सामान्य दिनों की तरह ही सड़क पर निकल आते हैं। पुलिस के पूछने पर बहाने भी एक से बढ़कर एक। हालांकि कौन बहाने बना रहा और कौन सही कह रहा, इस बात को पुलिस भी भली भांति समझती है। पिछले रविवार को भी उन्होंने कुछ ऐसे ही बातें सुनी थीं, बस फर्क इतना कि पिछली बार सुऩाने वाला कोई और था। पुलिस लोगों को समझाइश देकर छोड़ रही, कि लॉकडाउन का पालन करें, लेकिन कुछ लोग इस बात का मजाक समझ रहे। जरूरी नहीं होने पर भी घरों से ऐसे काम के लिए निकल रहे जो एक दिन बाद भी किया जा सकता है। कुछ इसी तरह के मामले रविवार को ईएलसी चौक पर देखने को मिले जिसमें लोगों ने पुलिस को कई तरह के बहाने बताए।
अस्पताल जा रहा हूं
ईएलसी चौक पर तैनात पुलिसकर्मी ने चंदनगांव की तरफ से बाइक पर सवार होकर आ रहे दम्पती को रोका तो उन्होंने जवाब दिया डॉक्टर के पास जा रहे। मरीज पूछने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। अंत में पुलिसकर्मी ने कहा ऐसा मत करो, लॉकडाउन चल रहा है।
महामृत्युंजय के पाठ में जा रहा हूं
नागपुर रोड की तरफ से आने वाले एक बुजुर्ग को रोका और पूछा कि लॉकडाउन है कहां जा रहे हो तो जवाब मिला गुलाबरा मेें महामृत्युंजय का पाठ चल रहा है, उसमें शामिल होने जा रहे। पीछे चौपहिया वाहन में भी कुछ लोग सवार हैं, वे लोग भी मेरे साथ ही है। पुलिस ने सख्ती दिखाई और मौके से लौटाया।
नागपुर से आ रहा हूं
एक बाइक पर पति, पत्नी और दो बच्चे सवार थे। सभी बाइक से नागपुर से आए। ईएलसी चौक पर उन्हें रोका तो बताया कि एक बेटी की तबीयत गड़बड़ है, बाबा के पास जा रहे। पुलिस ने पूछा यहां कोई रिश्तेदार है तो जवाब मिला हां, कहा अभी वहां जाओ कल आना। बाइक लेकर वे लौट गए।
इलाज की दिखाई फाइल
ईएलसी चौक पर ही बाइक पर सवार दो लोगों को रोका। युवक बाइक चला रहा था और पीछे बुजुर्ग सवार थे। उन्होंने इलाज की फाइल दिखाई तब पुलिस ने उन्हें जाने दिया। केवल यही लोग ऐसे थे, जिन्होंने इलाज की फाइल दिखाई बाकी सब कहते रहे डॉक्टर के पास जा रहे।
कॉल सेंटर जा रहा हूं
शहर की तरफ से नागपुर रोड जा रहे एक युवक ने कॉल सेंटर जाने की बात कही। गले में लटका आइकार्ड भी दिखाया जिसके बाद उसे छोड़ दिया गया।