नगर निगम चुनाव में इस बार पार्षद उम्मीदवार झंडे, बैनर और पोस्टर भी लगाएंगे तो उन्हें पाई-पाई का हिसाब निर्वाचन कार्यालय को देना होगा। निर्वाचन आयोग ने 10 लाख से कम आबादी वाले छिंदवाड़ा शहर के लिए व्यय सीमा 3.75 लाख रुपए निर्धारित की है।
वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक छिंदवाड़ा की आबादी 2.15 लाख निर्धारित है। वर्तमान में जनसंख्या इस समय 3 लाख पार कर रही है। फिर भी इस सरकारी रिकार्ड के हिसाब से नियम तय होंगे। आयोग के मुताबिक नगरीय निकाय निर्वाचन में पहली बार पार्षद पदों के निर्वाचन व्यय लेखा का प्रावधान किया गया है।
इसके पहले महापौर एवं अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों के व्यय लेखा का संधारण किया जाता था। अब रिटर्निंग ऑफीसर कार्यालय में निर्वाचन व्यय लेखा संधारण पर्यवेक्षण के लिए हेल्प डेस्क स्थापित होगी। इस चुनाव में पार्षद उम्मीदवारों की यह अतिरिक्त जिम्मेदारी बढ़ जाएगी। उन्हें प्रचार-प्रसार का खर्च बताना होगा।
दस नगरीय निकाय में ये पार्षद की व्यय सीमा
जिले में नगर पालिक निगम के अलावा परासिया, चौरई, न्यूटन चिखली, चांदामेटा, बड़कुही, लोधीखेड़ा, पिपला नारायणवार, चांद, बिछुआ और अमरवाड़ा में चुनाव हो रहे हैं। इन सभी की जनसंख्या एक लाख से कम है। इस स्थिति में पार्षद उम्मीदवारों के खर्च की सीमा 50 हजार से एक लाख तक की जनसंख्या पर एक लाख 50 हजार और 50 हजार से कम जनसंख्या पर पार्षदों के निर्वाचन व्यय की अधिक व्यय सीमा एक लाख रुपए होगी। नगर परिषदों के लिए अधिकतम व्यय सीमा 75 हजार रुपए होगी।
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महापौर उम्मीदवार खर्च करेंगे 15 लाख रुपए
दस लाख से कम जनसंख्या वाले नगरपालिक निगम में छिंदवाड़ा हैं। आयोग ने महापौर पद के अभ्यर्थियों के निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा 15 लाख रुपए तय की है। उम्मीदवारों को इसका खर्च भी निर्वाचन कार्यालय को बताना होगा।