सूचना के आधार पर टीम लेकर मौके पर पहुंचे और शव को फंदे से उतारकर पंचनामा बनाया। मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए जुन्नारदेव अस्पताल भेजा गया। पीएम के बाद शव परिजन को सौंप दिया गया। करन सिंह ने बताया कि प्राथमिक पूछताछ में सामने आया है कि मृतक किसान भोले (३५) पिता बाबूलाल यदुवंशी पर किसी बैंक का कर्ज था। वह शराब पीने का आदि था और बीमार भी था। फिलहाल मर्ग कायम कर मामले को जांच में रखा गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने और जांच पूरी होने के बाद ही इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं।
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता सतीश नारायण शुक्ला का कहना है कि तंगी के चलते किसान ने खुदकुशी की है। भोला यदुवंशी के आत्महत्या करने की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। किसान पर एक राष्ट्रीयकृत बैंक का 90 हजार रुपए का कर्ज था। गौरतलब है कि इसके पूर्व भी विगत एक साल में छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्ना, सौंसर, चौरई, परासिया और मोहखेड़ विकासखण्ड में कर्ज के कारण सात किसान आत्महत्या कर चुके हैं। जिले में आर्थिक तंगी, कर्ज, भुखमरी व प्राकृतिक आपदाओं के साथ सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते किसान आत्महत्या का दौर जारी है।
मृतक भोले यदुवंशी १५ नवम्बर की रात ११ बजे घर से खेत जाने का कहकर निकला था। शुक्रवार सुबह आठ बजे उसका शव फंदे पर लटका मिला। प्राथमिक पूछताछ में बैंक और किसी समूह का कर्ज होना सामने आया है, हालांकि अभी तक कोई दस्तावेज नहीं मिले हैं।
प्रतीक्षा मार्को, टीआइ, जुन्नारदेव