यह हैं नफा-नुकसाान उप संचालक कृषि जेआर हेड़ाऊ ने बताया कि ड्रोन तकनीकी एक ऐसी तकनीक है जो रिमोट से संचालित उपकरण द्वारा क्रियान्वित होती है और इस तकनीक के माध्यम से फसलों में कीटनाशक, घुलनशील उर्वरक, सूक्ष्म तत्व, जैव उर्वरक का स्प्रे वृहद क्षेत्र में किया जा सकता हैं। इस तकनीकी से कृषक रसायनों के सीधे संपर्क में नहीं आता हैं और रसायनों के दुष्प्रभाव से बचा रहता है। साथ ही फसल भी खराब नहीं होती है। यह तकनीकी छिंदवाड़ा जैसे जिले में इसलिए भी बहुत आवश्यक हैं, क्योंकि यहां अधिक ऊंचाई वाली फसलें जैसे मक्का, संतरा एवं कपास आदि फसलें बहुतायत से ली जा रही हैं एवं इन फसलों की पैदावार अधिक होने पर फसलों पर सामान्य स्प्रे किया जाना संभव नहीं हो पाता हैं। जिले में रबी, खरीफ और जायद फसलें बड़ी तादात में पैदा की जाती है। ऐसी स्थिति में फसलों में ड्रोन से कीटनाशक, घुलनशील उर्वरक, सूक्ष्म तत्व, जैव उर्वरक का स्प्रे कृषकों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है। इस तकनीक को अपनाने के लिए कृषकों में अच्छा उत्साह दिखाई दे रहा है।