किसानों की जमा पूंजी बैंक में सुरक्षित नहीं
मैनेजर भारती शाह ने भरोसा दिलाया कि उनकी जमा राशि पूरी वापस होगी।

छिंदवाड़ा. पांढुर्ना. प्राथमिक कृषि सहकारी साख समिति मोरडोंगरी में सोमवार को चार गांवों के किसान पासबुक लेकर पहुंचे तो किसानों के सवालों के उत्तर देने वाला कोई नहीं था। सोसायटी में न प्रबंधक थे और न ही कर्मचारी। किसानों के पहुंचने की सूचना मिलने पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के मैनेजर श्रीेकांत जैसवाल को सोसायटी पहुंच कर किसानों की बात सुननी पड़ी। सोसायटी पहुंचे किसानों के चेहरे पर परेशानी के भाव दिख रहे थे। किसी के डेढ़ लाख तो किसी के दो लाख रुपए बैंक के बचत खाते में जमा हैं। सभी को एक ही बात सता रही थी कि उनकी राशि में कहीं गोलमाल तो नहीं हुआ है। किसानों को श्रीकांत जैसवाल ने कहा कि सभी किसान अपनी पासबुक को संभालकर रखें ताकि जब जिले से जांच टीम आएगी तब वे पासबुक की राशि को मिलान कर जांच करेंगे।
कुछ किसान पांढुर्ना जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में भी पहुंचे थे जिन्हें मैनेजर भारती शाह ने भरोसा दिलाया कि उनकी जमा राशि पूरी वापस होगी। खाताधारक किसान शंकर पराडक़र, कांता बाई, शांति बाई,कलाबाई, लीलाबाई घागरे, देवराव पराडक़र, अनिल गोयते, कुनीबाई धारपुरे, दुर्गाबाई देशमुख, टेमचंद रबड़े,गोपाल पराडक़र, नरेन्द्र सहारे एवं अन्य कई किसानों ने इस पुरे मामले की जल्द से जल्द निष्पक्ष जांच कर किसानों को उनकी मेहनत की कमाई लौटाने की मांग की।
उधारी ले उड़ा धनराज
ग्रामीणों ने बताया कि लिपिक धनराज बैंक के साथ गांव के कुछ लोगों से उधारी की रकम भी लेकर गायब है। इससे पहले किसानों को बेचे जाने वाली खाद में भी हेरा फेरी की शिकायत मिली थी इस राशि से वह ऐशोआराम करता था। मेरे खाते में डेढ़ लाख रुपए जमा हैं जमा है। बता नहीं रहे हैं कि मेरे रुपए बराबर है या नहीं। गरीब किसान हूं काम के वक्त पैसे काम आएंगे यह सोचकर राशि जमा कर रखी थी। देवराव पराडक़र, दो अलग-अलग खातों में रुपए जमा हैं। पता नहीं उसमें भी गबन किया है कि नहीं। हमने बड़े विश्वास के साथ रुपए जमा किए थे।
अब पाइए अपने शहर ( Chhindwara News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज