कम आवक में भी होती है परेशानी
अक्सर माना जाता है कि अधिक आवक के कारण मंडी में जगह नहीं होती है और अनाज के ढ़ेर सडक़ों पर पड़े होने के कारण ट्रक शेेड तक नहीं पहुंच पाते, लेकिन यह स्थिति कम आवक में भी बनती है। दरअसल दो-चार हजार की आवक से व्यापारियों की मंाग के अनुसार आपूर्ति नहीं हो पाती। इसके लिए व्यापारी को अपने ट्रक की क्षमता तक उपज के आने का इंतजार करना पड़ता है। गोदाम तक का भाड़ा बचाने के लिए व्यापारी कई-कई दिनों तक उपज को मंडी शेड में ही स्टाक करके रखते हैं। इससे किसान को कई बार जगह की कमी होने पर खुले आसमान के नीचे ही उपज को ढेर करना पड़ता है और अचानक होने वाली बाारिश से किसान को उपज सुरक्षित रखना मुश्किल हो जाता है।
अक्सर माना जाता है कि अधिक आवक के कारण मंडी में जगह नहीं होती है और अनाज के ढ़ेर सडक़ों पर पड़े होने के कारण ट्रक शेेड तक नहीं पहुंच पाते, लेकिन यह स्थिति कम आवक में भी बनती है। दरअसल दो-चार हजार की आवक से व्यापारियों की मंाग के अनुसार आपूर्ति नहीं हो पाती। इसके लिए व्यापारी को अपने ट्रक की क्षमता तक उपज के आने का इंतजार करना पड़ता है। गोदाम तक का भाड़ा बचाने के लिए व्यापारी कई-कई दिनों तक उपज को मंडी शेड में ही स्टाक करके रखते हैं। इससे किसान को कई बार जगह की कमी होने पर खुले आसमान के नीचे ही उपज को ढेर करना पड़ता है और अचानक होने वाली बाारिश से किसान को उपज सुरक्षित रखना मुश्किल हो जाता है।
इनका कहना है
कई बार गाड़ी नहीं मिलने या गाड़ी के लिए माल कम पड़ जाने से ऐसी स्थिति बन जाती है। वैसे इन दिनों सभी व्यापारी अपने-अपने माल का उठाव समय पर कर रहे है। इससे किसानों की उपज के लिए जगह बनी रहती है।
प्रतीक कुमार शुुक्ला, अध्यक्ष छिंदवाड़ा अनाज व्यापारी संघ
कई बार गाड़ी नहीं मिलने या गाड़ी के लिए माल कम पड़ जाने से ऐसी स्थिति बन जाती है। वैसे इन दिनों सभी व्यापारी अपने-अपने माल का उठाव समय पर कर रहे है। इससे किसानों की उपज के लिए जगह बनी रहती है।
प्रतीक कुमार शुुक्ला, अध्यक्ष छिंदवाड़ा अनाज व्यापारी संघ
मंडी में अनाज की आवक अधिक होने से कभी-कभी ऐसी स्थिति बन जाती है। मंडी में पांच शेड हैं और एक ट्रॉली शेड सहित तीन शेड और बन रहे हैं। इससे परेशानी नहीं होगी।
शिवदयाल अहिरवार, प्रभारी मंडी सचिव कुसमेली कृषि उपज मंडी
शिवदयाल अहिरवार, प्रभारी मंडी सचिव कुसमेली कृषि उपज मंडी