जिला प्रशासन की निगरानी में मनरेगा योजना के तहत देवगढ़ कि 45 बावडिय़ों में सफाई और मरम्मत का काम पिछले कई दिनों से लगातार जारी है। अधिकांश पूरी तरह से साफ भी हो चुकी है। पहले एक-दो बावडिय़ों को छोड़कर शेष का पानी किसी भी इस्तेमाल में नहीं लिया जाता था, लेकिन अब यही बावडिय़ां देवगढ़ के किसानों को मालामाल बनाने के लिए तैयार है। सफाई होने के बाद गर्मी के दिनों में ही बावडिय़ों में पानी आ चुका था। इस साल बारिश के पानी का भी अच्छा खासा संग्रहण होगा जिससे पूरे साल भरपूर पानी रहेगा। जिसका उपयोग किसान खेतों में फसलों की सिंचाई के लिए कर सकेंगे। किसान कौनसी फसल लगाए जिससे उन्हें अधिक आमदानी हो इसका भी ध्यान रखा जा रहा है। अनाज वाली फसलों से ज्यादा फलों की खेती पर जोर दिया जा रहा। क्षेत्र के किसानों का रुझान भी उसी तरफ बढ़ा है।
उद्यानिकी विभाग का अमला पहुंचा
कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन और जिला पंचायत सीइओ गजेन्द्र सिंह नागेश के निर्देश पर शुक्रवार को उद्यानिकी विभाग की टीम देवगढ़ पहुंची। किसान के खेतों का निरीक्षण किया और मिट्टी की उपजाऊ क्षमता देखी। सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी है इसके चलते फलों में नीबू और संतरे की फसल उगाने का सुझाव दिया। अधिकांश किसानों ने नीबू की बजाए संतरे के बगीचे तैयार करने पर जोर दिया। उन किसानों के नाम की सूची तैयार की गई जो संतरे का बगीचा लगाना चाहते हैं और दस्तावेजों का संकलन भी शुरू कर दिया गया। टीम की मौजूदगी में ही दस किसानों ने अपने नाम दर्ज करा दिए थे। शेष किसानों के नाम और दस्तावेज जुटाने की जिम्मेदारी स्थानीय कर्मचारी को सौंपी गई है।
इन गांव में पहुंची टीम
ग्राम पंचायत देवगढ़, विजयगढ़ एवं कलकोट पहुंची टीम ने किसानों से चर्चा की। मोहखेड़ के सहायक यंत्री शिव सिंह बघेल के मार्गदर्शन में उद्यानिकी विभाग की टीम ने क्षेत्र का दौरा किया। राजेगांव नर्सरी के उद्यान अधीक्षक राजकुमार कोरी सहित अन्य कर्मचारी टीम में शामिल थे। फलोधान परियोजना के तहत पौधे रोपे जाएंगे। बताया जा रहा है कि उद्यानिकी विभाग के अलावा मनरेगा से भी यहां पौधे रोपे जाएंगे। कार्ययोजना तैयार कर ली गई है जिसे जल्द ही अमल में लाया जाएगा।
संकटमोचक बनी है बावडिय़ां
देवगढ़ में 16 शताब्दी की बावडिय़ां एक साथ कई लोगों के लिए संकट मोचक बनी है। कोविड-19 महामारी के कारण पलायन कर घर लौटे मजदूरों को बावडिय़ों की सफाई का काम मिला। बारिश के पानी का संग्रहण होने से क्षेत्र का वाटरलेवल बढ़ेगा। किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा तो उनकी आय बढ़ेगी। अलग-अलग आकार और आकृति की बावडिय़ां पर्यटन को बढ़ावा देगी।
किसानों की बढ़ेगी आए
बावडिय़ों के पानी का इस्तेमाल कर किसान अच्छी फसलों का उत्पादन लेकर अपनी आए बढ़ा सके इसके लिए उद्यानिकी की टीम को निरीक्षण करने के लिए भेजा था। अधिकांश किसानों ने संतरे की खेती करने पर जोर दिया है। पौधे उपलब्ध कराने के साथ ही मार्गदर्शन भी दिया जाएगा।
-गजेन्द्र सिंह नागेश, सीइओ, जिला पंचायत, छिंदवाड़ा