शिकायत के बाद भी मैदानी बिजली अधिकारी-कर्मचारी नहीं कर रहे सुनवाई, विधायक भी उठा चुके सवाल
छिंदवाड़ा .रबी सीजन में खेतों में लहलहाती गेहूं और चना की फसल में सिंचाई कहीं बिजली आपूर्ति न होने से बाधित हो रही है तो कहीं ट्रांसफार्मर आेवर लोड होने से जल रहे हैं। इसकी तुरंत शिकायत करने पर बिजली अधिकारी-कर्मचारी समय पर नहीं पहुंच रहे हैं। इसके चलते किसान सीधे सीएम हेल्पलाइन में फोन लगा रहे हैं। जिले से इस समय बिजली समस्या के नाम पर दर्ज 381 शिकायतों में सर्वाधिक किसानों की हैं।
सीएम हेल्पलाइन डेस्क के अनुसार जिले में कुल 2715 शिकायतें दर्ज हैं। इनमें से प्रायमरी लेवल पर 955,एसडीएम पर 351, कलेक्टर 261 और कमिश्नर व प्रमुख सचिव के स्तर पर 1148 लंबित हैं। इनमें सबसे अधिक गांवों में बिजली न मिलने से जनता त्रस्त है। विभाग किसानों को दस घंटे सिंचाई के लिए बिजली देने का दावा कर रहा है लेकिन मैदानी स्तर पर हकीकत देखी जा सकती है।
मंत्री से लेकर कलेक्टर के निर्देश हवा
रबी सीजन में किसानों को समय पर बिजली देने, ट्रांसफार्मर सुधारने समेत अन्य समस्याओं के निराकरण के निर्देश कलेक्टर जेके जैन कई बार समय सीमा की बैठक में दे चुके हैं तो प्रभारी मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने भी जिला योजना समिति में भी बिजली अधिकारियों को नसीहत दी थी। इसके अलावा जिला विद्युत सलाहकार समिति की बैठक में भी विधायक ों ने बिजली विभाग की खिंचाई की थी। जिला पंचायत में भी यही मुद्दा हमेशा गरमाता रहा है। फिर भी इस पर ध्यान न देना चिंता का विषय बन गया है।
जुन्नारदेव के गांवों में अंधेरा छाया
सीएम हेल्पलाइन में बिजली न मिलने की शिकायत हो रही है तो वहीं विधायक भी जुन्नारदेव विकासखण्ड के बेलगांव, कोलवाढाना, गुर्रे, खुर्रे महु समेत आसपास के 8 गांवों में बिजली नहीं होने, परासिया में ओवरलोड होने से ट्रांसफार्मर खराब, चौरई के टेकापार में विद्युतीकरण कार्य नहीं होने तथा पांढुर्णा के तगडिय़ा पंचायत के रहब गांव में विद्युत पोल नहीं लगाने की शिकायत कर चुके हैं। इससे गांवों के असंतोष का अंदाजा लगाया जा सकता है।