उमरहर के मोक्षधाम टोला के भीषण अग्नि काण्ड में पीडि़त परिवार गमगीन, हादसे के अवशेष ढूंढ रही महिलाएं
छिंदवाड़ा
Updated: May 11, 2022 09:16:34 pm
छिंदवाड़ा.महिला मजदूर अशोका और संगीता ने दूसरों के घरों में बनी-मजदूरी कर चूल्हे-चौके, बर्तन, जेवर समेत गृहस्थी का एक-एक सामान जोड़ा था। एक दिन पहले बुधवार को आई आग की आंधी ने देखते ही देखते सब कुछ राख कर दिया। अब उनके पास केवल इनकी यादें और आंसू हैं, जिसे देख-देख गमगीन हो रही हैं। इस अग्नि काण्ड के दूसरे दिन बुधवार को ये महिलाएं अपने बच्चों के साथ जल गए मकानों में सामान ढूंढते दिखाई दी। उनसे अग्निकाण्ड की पूरी कहानी पूछी तो बताते-बताते उनका गला भर आया। आखिर आंखों के सामने जीवन भर की गृहस्थी को तिल-तिल जलते देखा था।
जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर उमरहर पंचायत के इस मोक्षधाम टोला में पत्रिका टीम पहुंची तो ज्ञानलाल, चैतु व अनिल के मकान आग से पूरी तरह राख नजर आए तो देवेंद्र, छोटा, भोजेलाल और लखनलाल के मकान में आग की आंशिक क्षति साफ दिखी। इन परिवारों के पुरुष मुखिया दोपहर 2.30 बजे पटवारी के पास गृहस्थी के सामान लिखवाते रहे तो महिलाएं क्षतिग्रस्त मकानों में सामान ढूंढती रही। जैसे-तैसे दो घरों से निकाला अधजला गेहूं उनके आंगन में पड़ा नजर आया।
इस घटना के बारे में पूछने पर अशोका और संगीता की आंखों के सामने वहीं दृश्य घूम गया। इन दोनों के मुताबिक दुपहरी में अधिकांश लोग घर पर सोए थे तो एक-दो गांव की शादी में गए थे। जैसे ही किसी ने आग की लपटें देखी,भागमभाग मची। एक-दूसरे को जगाकर घर से निकाला। आग बुझाने के लिए पानी भी फेंका। शादी में गए परिवार को खबर की। इस भाग दौड़ में चार मकानों को काफी कुछ बचा लिया गया। केवल तीन मकानों की गृहस्थी में कुछ नहीं बच पाया। ये दोनों महिलाएं इन घरों की थी। जिनकी आंखों में साफ तौर पर गृहस्थी के राख होने का गम दिखाई दिया। उन्होंने अधजले गेहूं, बर्तन, बच्चों के कापी-पुस्तकें दिखाया। उनके ये आंसू सरकारी मदद से कुछ दिन में सूख जाएंगे लेकिन इसकी याद ताउम्र जेहन में बनी रहेगी।
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हाईस्कूल में बिताई रात पर नींद थी गायब
हाईस्कूल परिसर में अग्नि पीडि़त परिवार की बुजुर्ग महिला रामूबाई परतेती बैठी दिखाई दी। उसके मुताबिक बुधवार के अग्निकाण्ड में उसकी बेटी-दामाद का पूरा मकान जल गया। वह आकर उनकी बेटी की देखभाल कर रही हैं। उसने बताया कि अग्नि पीडि़तों को पंचायत की ओर से स्कूल पर ठहराया गया पर आंखों में नींद गायब थी। लोग गृहस्थी की चिंता में थे। सुबह होते ही सब पुराने टोला में गए।
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अगले माह बारिश, कैसे बनेंगे जल्द मकान
अग्नि पीडि़तों की चिंता अगले माह जून से शुरू होने वाली बारिश की है। इतनी जल्दी कैसे उनके पक्के मकान तैयार होंगे? तब तक उन्हें स्कूल परिसर में ही रहना पड़ेगा। फिर स्कूल की कक्षाएं भी शुरू होंगी। इस चिंता के बारे में पूछे जाने पर सरपंच रामजी किरार आश्वस्त करते हैं कि वे एड़ी-चोटी एक कर एक माह में उनका नया मकान तैयार करा देंगे।
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कांग्रेस नेताओं ने सांसद की ओर से दी मदद
दोपहर 3 बजे जब ये महिलाएं और पुरुष चिंता में डूबे थे,तब पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना, ब्लॉक कांग्रेस समन्वयक अमित सक्सेना का काफिला मोक्षधाम टोला पहुंचा। उन्होंने सांसद नकुलनाथ की ओर से दस-दस हजार रुपए दिए। इस दौरान पत्रिका से बातचीत में पूर्व मंत्री सक्सेना ने कहा कि अग्नि पीडि़तों के रहने, खाने और आवास की जिम्मेदारी उनकी और सांसद की हैं। अमित सक्सेना ने भरोसा दिलाया कि उनकी पूरी टीम हर दिन पीडि़तों का ख्याल रखेगी। इस दौरान जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि मनोज वानखेड़े, सरपंच रामजी किरार, सांख उपसरपंच संदीप सोनी, सेवक वर्मा और मुरारी पटेल आदि भी उपस्थित हुए।
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