12 घंटे बाद तक मिली जानकारी लावाघोघरी पुलिस के अनुसार घटना के 12 घंटे बाद तक प्रशासन को इसकी कोई सूचना नहीं थी। सोमवार दोपहर सूचना मिलने पर बीएमओ डॉ.नरेश गौन्नाडे ने चिकित्साकर्मियों की एक टीम गांव भेजी। बीमार लोगों को सिविल अस्पताल पांढुर्ना लाकर भर्ती कराया गया।
तकलीफ बढ़ी तो हमें सूचना: एसडीएम पांढुर्ना एसडीएम आरआर पाण्डे ने बताया कि रात को एक बच्ची की मौत हुई। इसके बाद परिवार वालों ने उसे दफना दिया था। सुबह जब दूसरी बच्ची की मौत हुई और अन्य लोगों की भी तकलीफ बढऩे लगी तो इसकी खबर लगी। हमने वाहनों के जरिए मरीजों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। प्राथमिक रूप से फूड पॉयजनिंग से ही मौत होने की बात सामने आई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।
अस्पताल में 17 भर्ती, सभी खतरे से बाहर पांढुर्ना अस्पताल के डॉ.विनीत श्रीवास्तव ने बताया कि फूड पॉयजनिंग से पीडि़त कुल 17 मरीज भर्ती हैं। जिनमें अधिकत्तर बच्चे है। फिलहाल सभी की हालत खतरे से बाहर है। इधर, छिंदवाड़ा में सीएमएचओ डॉ.जीसी चौरसिया ने इसकी जानकारी लेने और इलाज में गंभीरता बरतने के निर्देश स्थानीय स्वास्थ्य कर्मचारियों को देने की बात कहीं।
पुलिस ने की मर्ग दर्ज लावाघोगरी थाना प्रभारी अमित कुमार कोरी ने बताया कि उन्हें सोमवार सुबह गांव वालों ने आकर बताया। जादू टोने से दो बच्चियों की मौत जैसी अंधविश्वास की बात सुन कर तत्काल मौके पर पहुंचे। वहां और भी बच्चे , महिलाएं
व पुरुष बीमार मिले। सभी को अस्पताल भिजवाया। थाना प्रभारी ने बताया प्रभावित लोग आसपास के तीन-चार परिवारों के ही हैं। भोजन तो वर पक्ष के लोगों व अन्य ग्रामीणों ने भी किया था, पर वहां से किसी के बीमार होने की बात अभी तक सामने नहीं आई है। मामले की जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।
व पुरुष बीमार मिले। सभी को अस्पताल भिजवाया। थाना प्रभारी ने बताया प्रभावित लोग आसपास के तीन-चार परिवारों के ही हैं। भोजन तो वर पक्ष के लोगों व अन्य ग्रामीणों ने भी किया था, पर वहां से किसी के बीमार होने की बात अभी तक सामने नहीं आई है। मामले की जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।