बच्चों को स्कूल ले जाने और वापस सुरक्षित घर छोडऩे की सम्पूर्ण जिम्मेदारी वाहन मालिक और चालक की होती है। वाहनों में तकनीकी खामी होने की स्थिति में दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता। छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विभाग की ओर से लगातार हिदायत दी जा रही है कि वाहन का फिटनेस और परमिट तैयार करा लें। तय समय उच्च न्यायालय की गाइडलाइन पर वाहन संचालित होते नहीं मिले तो फिर कार्रवाई की जाएगी। अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी निशा चौहान ने बताया कि वर्तमान में स्कूल ऑटो और वैन रघेलू रसोई गैस से संचालित हो रहे हैं यह बड़ी लापरवाही है। किसी भी वक्त बड़ी दुर्घटना घटित होने से इनकार नहीं किया जा सकता। नियमानुसार संचालित होने वाले वाहनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, लेकिन नियम तोडऩे वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। चौहान ने छात्र-छात्राओं के परिजनों से भी अपील की है कि वे भी समय-समय पर अपने स्तर से जांच पड़ताल करें और लापरवाही मिलने पर उन्हें शिकायत कर सकते हैं।
कुछ लोगों ने किया विरोध
गुरुवार को धरमटेकड़ी स्थित कुछ स्कूलों के बच्चों को ऑटो और वैन के संचालकों ने नहीं छोड़ा। बताया जा रहा है कि जारी कार्रवाई का विरोध उन्होंने वाहनों को खड़ा रखकर किया है। अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी निशा का कहना है कि बच्चों की जान जोखिम में डालकर अर्थात रसोई गैस सिलेंडर से चलते हुए वाहनों के खिलाफ कार्रवाई सतत जारी रहेगी।