चौरई थाना पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम केदारपुर कला निवासी तरुण (40) पिता पुसूलाल सनोडिया ने बच्चे की कुण्डली बनवाई थीं। करीब एक माह बाद उन्हें फोन आया कि कुण्डली बनवाने के बाद एक यंत्र खरीदना होता है। तरुण ने यंत्र खरीदने से मना कर दिया तो फोन करने वाले ने कहा एक पार्सल आपके नाम का भेजा है जिसे आप पोस्ट ऑफिस से ले लेना। तीन हजार रुपए जमा कर पार्सल लिया जिसमें एक कूपन निकाला, जिसमें एक मोबाइल नम्बर भी लिखा हुआ था। कूपन पर चौदह लाख रुपए कीमत की लग्जरी कार मिलना लिखा था, इस दौरान फिर फोन आया और फोन करने वाले ने तरुण से पूछा पार्सल मिल गया तो जवाब दिया हां। अगले व्यक्ति ने कहा कार लेना पसंद करोगे या फिर कार की कीमत तरुण ने जवाब दिया कार लूंगा। यहां से वह झांसे में फंस गया।
बैंककर्मियों ने रोका पर नहीं माना
पुलिस के अनुसार तरुण ने कूपन पर लिखे मोबाइल नम्बर पर फोन किया तो उन्होंने कार के रजिस्ट्रेशन से लेकर आरसी और अन्य दस्तावेजों के लिए रुपए लगने का झांसा दिया। 24 जुलाई से 9 अगस्त के बीच तरुण ने अलग-अलग बैंक खातों में कार के लिए 4 लाख 34 हजार रुपए जमा कर दिए। जिस वक्त वह रुपए जमा कर रहा था, बैंककर्मियों ने उसे रोका भी, लेकिन वह नहीं माना। रुपए जमा होने के बाद सारे मोबाइल नम्बर बंद हो गए। कई दिनों के इंतजार के बाद न तो कार घर पहुंची न ही जमा किया हुआ रुपया मिला। पीडि़त ने चौरई थाना पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई। एसआइ पूनम उइके ने बताया कि अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा में अपराध कायम किया गया है।