कोतवाली पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार देहात थाना क्षेत्र के विशुनगर निवासी मोरमुकुट सक्सेना ने करीब पांच दिन पहले पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एक लिखित शिकायत दी थी। शिकायतकर्ता ने उल्लेख किया था, कि नागपुर रोड सर्रा के पास उसका एक प्लॉट है, जिसकी ऋण पुस्तिका नहीं बनी है। छिंदवाड़ा के लालबाग निवासी अजय वर्मा से मुलाकात हुई तो उसने राजस्व विभाग के अधिकारियों से अच्छी जान पहचान का हवाला देकर ऋण पुस्तिका बनवाने का झांसा दिया। अजय वर्मा ने 75 हजार रुपए में काम करने की बात कही। मोरमुकुट सक्सेना ने 75 हजार रुपए दे दिए, लेकिन उसका काम नहीं हुआ। दोनों के बीच लेनदेन कोतवाली थाना क्षेत्र की सीमा में हुआ था। मोबाइल पर लगातार सम्पर्क करने और मुलाकात के बाद भी मामले को टालते जा रहा था। संदेह होने पर सक्सेना ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में लिखित शिकायत दी। जांच के लिए शिकायत कोतवाली थाना भेजी गई थी। पुलिस ने जांच और छानबीन की तो तथ्य सही पाए गए। शनिवार देर रात कोतवाली में अजय वर्मा के खिलाफ धारा 420, 406 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर आरोपी की तलाश में जुटी है।
दलाल का क्यों लेना पड़ा सहारा
धोखाधड़ी के इस पूरे मामले में सवाल उठ रहा है कि आखिर एक प्लॉट की ऋण पुस्तिका बनवाने के लिए मोरमुकुट सक्सेना को दलाल का सहारा क्यों लेना पड़ा। सम्बंधित विभाग में आसानी से काम नहीं हो रहा था, क्या इसलिए सक्सेना को मजबूरी में दलाल को 75 हजार रुपए देने पड़े हैं। इस एक मामले ने कई प्रश्र खड़े कर दिए हैं। पुलिस गम्भीरता से जांच और छानबीन करती है तो और भी कई मामले और चेहरे सामने आ सकते हैं। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद दलाली और धोखाधड़ी के राज खुलेंगे।
प्रकरण दर्ज किया है
लालबाग निवासी अजय वर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में खयानत की धारा में प्रकरण दर्ज किया गया है। आरोपी की तलाश जारी है।
-मनीषराज सिंह भदौरिया, टीआइ, कोतवाली